विशेषाधिकारी समिति विधायिका की गरिमा की रक्षा का सशक्त माध्यम : महाना
लखनऊ, 16 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने मंगलवार काे कहा कि विधानसभा की विशेषाधिकार समिति का लोकतांत्रिक व्यवस्था में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। यह समिति विधायिका की गरिमा, अधिकारों और मर्यादाओं की रक्षा का सशक्त माध्यम है। विशेषाधिकार समिति की उदघाटन बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि विशेषाधिकार समिति को अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी औपचारिकता और संवैधानिक मर्यादा के साथ करना चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार की गलतफहमी या अनावश्यक विवाद की स्थिति उत्पन्न न हो।
सतीश महाना ने समिति के सदस्यों से कहा कि समिति के कार्य पर किसी को कोई विरोध नहीं है लेकिन यह आवश्यक है कि सभी जनप्रतिनिधि और संबंधित पक्ष अपने अधिकारों का प्रयोग एक निर्धारित सीमा के भीतर करें। लोकतंत्र में अधिकारों के साथ-साथ जिम्मेदारियों का भी उतना ही महत्व है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी संस्था या व्यक्ति को ऐसी भाषा या आचरण से बचना चाहिए, जिससे सदन की प्रतिष्ठा पर प्रश्नचिह्न लगे।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि हम सभी जनता के प्रति जवाबदेह हैं। जनता ने जिन अपेक्षाओं के साथ जनप्रतिनिधियों को चुना है, उन अपेक्षाओं पर खरा उतरना हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है। विशेषाधिकार समिति का उद्देश्य दंड देना नहीं, बल्कि व्यवस्था की गरिमा बनाए रखना और लोकतांत्रिक मूल्यों को सुदृढ़ करना है। उन्होंने समिति के सभी सदस्यों से संयम धैर्य और मर्यादा से कार्य करने की अपील की। इससे पहले समिति के सदस्यों ने विधानसभा अध्यक्ष का अंग वस्त्र और पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव विधानसभा प्रदीप कुमार दुबे समेत अन्य अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।-----------
हिन्दुस्थान समाचार / दिलीप शुक्ला

