भगवान के अस्तित्व को नहीं मानता विपक्ष : धर्मवीर प्रजापति

WhatsApp Channel Join Now
भगवान के अस्तित्व को नहीं मानता विपक्ष : धर्मवीर प्रजापति


संभल, 4 नवंबर (हि.स.)। जनपद संभल के सिसौना डांडा में कार्तिक पूर्णिमा गंगा मेले का होमगार्ड मंत्री धर्मवीर प्रजापति और जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. अनामिका यादव ने उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रभारी मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि वे भगवान के अस्तित्व को नहीं मानते, इसलिए सत्ता से दूर हैं।

यह मेला मंगलवार को जनपद संभल की गुन्नौर तहसील के गांव सिसौना डांडा में शुरू हुआ। उद्घाटन के दौरान बीजेपी जिलाध्यक्ष चौधरी हरेंद्र सिंह रिंकू और सीडीओ गोरखनाथ भट्ट भी मौजूद थे। अमरोहा के तिगरी मेले की तर्ज पर संभल में भी इस गंगा मेले का आयोजन किया जा रहा है।

मेले में लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए गंगा घाटों पर पुलिस और पीएसी बल तैनात किया गया है। इसके अतिरिक्त, 32 सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। मेले में साफ-सफाई, सुरक्षा और प्रकाश व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। उद्घाटन के दौरान 151 लीटर दूध गंगा में प्रवाहित किया गया।

मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने अपने संबोधन में कहा कि समाजवादी पार्टी सहित सभी विपक्षी दल भगवान राम के अस्तित्व को उस तरह से नहीं मानते, जैसा मानना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि इसी कारण वे सत्ता से दूर हैं और सत्ता के लिए संघर्ष कर रहे हैं। प्रजापति ने कहा कि विपक्षी दल एक विशेष समुदाय के वोट बैंक के लिए इस तरह की बातें करते हैं।

उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि यह वही पार्टी है जो राम के अस्तित्व और रामसेतु को नहीं मानती थी। मंत्री ने दावा किया कि देश की जनता इन बातों को समझ रही है और इसका परिणाम भी मिल रहा है।

प्रजापति ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 550 वर्षों के बाद देश की जनता ने राम मंदिर के दर्शन किए, उसका निर्माण देखा और प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में भाग लिया। उन्होंने दावा किया कि यह मंदिर अब न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में जाना जाता है।

मंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकारों ने विकास के साथ-साथ देश की संस्कृति को भी आगे बढ़ाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि 2014 और 2017 से पहले युवा पीढ़ी भगवान राम और श्रीकृष्ण की जन्मभूमि, बरसाने की होली और अन्य सांस्कृतिक विरासतों को भूलती जा रही थी।

हिन्दुस्थान समाचार / Nitin Sagar

Share this story