कौशांबी में भेड़िया समझ कर ग्रामीणों ने सियार काे पीट—पीट कर मार डाला
कौशांबी, 05 सितम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में इन दिनों आदमखोर भेड़ियों ने आतंक मचा रखा है। बहराइच के बाद कौशांबी जनपद में बीती रात बुधवार को एक नरभक्षी भेड़िया ने अलग-अलग गांवों में तीन लोगों पर हमला किया लेकिन लोगों के आने पर वह भाग गया। भेड़िये के हमले से घायल सभी लोगों का उपचार अस्पताल में चल रहा है। इस बीच गुरुवार को एक सियार दिन के उजाले में ही गांव में घुस आया। ग्रामीणों ने उसे भेड़िया समझकर पीट-पीट कर मार डाला और वन विभाग और पुलिस को सूचना दी।
जानकारी के मुताबिक कौशांबी में आदमखोर भेड़िये ने बीती रात स्थानीय ससुर खदेरी नदी के किनारे बसे कई गांवों में दस्तक दी। नरभक्षी भेड़िये ने यहां करारी थाना क्षेत्र के निवारी और मंझनपुर के खोजवापुर गांवों में अलग-अलग जगहों पर महिलाओं और खेत में काम कर रहे लोगों पर हमला किया। गनीमत रही कि आदमखोर भेड़िया यहां किसी को अपना निवाला नहीं बना सका लेकिन उसके हमले में महिलाएं व पुरुष समेत आठ लोग घायल हो गए। घायलों को अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया।
आदमखोर भेड़िये के हमले के बाद दहशत के चलते जनपद के कई गांवों में ग्रामीणों ने पूरी रात जाग कर गुजारी। ग्रामीणों में भेड़िये के हमले को लेकर गुस्सा था। इस बीच दिन होते ही सूरज की रोशनी में सियार पहुंच गया। ग्रामीणों ने उसे खेत के पास से निकलते ही घेर लिया। उस पर लाठी-डंडे बरसाना शुरू कर दिए। ग्रामीणों ने भेड़िया समझ कर सियार को पीट-पीट कर बेदम कर दिया। ग्रामीणों ने डीएफओ आरएस यादव और करारी थाना पुलिस को इसकी जानकारी दी। मौके पर पहुंचे वन विभाग की टीम ने बताया कि वह सियार है। वन विभाग की टीम ने सियार के शव को कब्जे में लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है। वहीं ग्रामीणों में अभी भी इलाके में भेड़िये के होने की आशंका पर दहशत बनी हुई है। मामले में डीएफओ ने बताया कि इलाके में वन विभाग के कर्मियों को भेड़ियों की चहल कदमी को लेकर जानकारी के लिए लगाया गया है।
उल्लेखनीय है कि बीती रात ससुर खदेरी नदी के किनारे बसे निवारी और मंझनपुर के खोजवापुर गांवों में नरभक्षी भेड़िया पहुंचा। यहां पर उसने शिवकरन के तीन साल के बेटे प्रियांश पर हमला किया। इसके बाद नदी किनारे बकरी चराने गए रामदास पर हमला किया। इस दौरान आदमखोर भेड़िये ने बकरियों को भी हमला कर शिकार बनाने का प्रयास किया। लेकिन शोर मचाने पर ग्रामीणों की भीड़ के हाका लगाने पर भेड़िया भाग खड़ा हुआ। वहीं खेत गई निवारी की केसपति, श्रीमती व बेलपतिया ने तीन भेड़िये नदी के खंदक में देखे और भाग कर गांव पहुंच गई थीं। इसी तरह पंडीरी गांव के बीच जंगल में भी खेत में पानी लगते समय कुछ लोगों ने भेड़िये को देखा है। इलाके के लोग भेड़िये के आतंक से डरे सहमे हैं। रात में भेड़िये के हमले को लेकर ग्रामीण बीती रात अंधेरे में आने-जाने वालों की सुरक्षा के लिए लाठी डंडे हाथ में लेकर हल्ला मचाते हुए चल रहे है।
हिन्दुस्थान समाचार / मोहित वर्मा
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