Varanasi: बनारस में बदलने लगा मौसम, पश्चिमी विक्षोभ के कारण हो रही बादलों की आवाजाही, बारिश के मिलने लगे संकेत

Varanasi: बनारस में बदलने लगा मौसम, पश्चिमी विक्षोभ के कारण हो रही बादलों की आवाजाही, बारिश के मिलने लगे संकेत
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वाराणसी। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से उठी ठंडी और आर्द्र पश्चिमोत्तरी हवाएं गंगा के मैदानी इलाकों तक पहुंचते-पहुंचते शुष्क हो गईं। इसके परिणामस्वरूप, ठंडी हवा और स्थानीय गर्मी के मेल से बादल बने, जो मंगलवार के बाद बुधवार को और घने हो गए। वाराणसी में मौसम का परिवर्तन साफ तौर पर नजर आने लगा। पिछले दो दिनों से सुबह और रात में बसंत ऋतु में भी हल्की गुलाबी ठंड का एहसास हो रहा है।


बादलों की हल्की परत छाने से तापमान में गिरावट की उम्मीद थी, लेकिन इसके विपरीत, दिन के दौरान तापमान में वृद्धि दर्ज की गई। सुबह हल्के कोहरे के बाद तेज धूप निकली, लेकिन कुछ समय बाद बादलों की मात्रा बढ़ गई, जिससे पूरे दिन धूप और छांव की स्थिति बनी रही।  

Varanasi: बनारस में बदलने लगा मौसम, पश्चिमी विक्षोभ के कारण हो रही बादलों की आवाजाही, बारिश के मिलने लगे संकेत


तापमान में बढ़ोतरी, रात में हल्की ठंडक

बीएचयू क्षेत्र में बीते 24 घंटों की तुलना में अधिकतम तापमान 1.4 डिग्री बढ़कर 30.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जबकि बाबतपुर में यह 0.9 डिग्री की वृद्धि के साथ 28.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। राजघाट क्षेत्र में अधिकतम तापमान 30.4 डिग्री सेल्सियस रहा। न्यूनतम तापमान में मामूली परिवर्तन हुआ, बीएचयू क्षेत्र में यह 13.7 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि ग्रामीण इलाकों में 13 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।  

आने वाले दिनों में बादल रह सकते हैं कायम
  बादलों की आवाजाही के बीच आर्द्रता में भी गिरावट देखी गई, जो 78% से घटकर 44% के बीच रही। भारतीय मौसम विभाग ने अगले दो-तीन दिनों तक आंशिक बादल छाए रहने की संभावना जताई है, जबकि बीएचयू के मौसम वैज्ञानिक प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव का अनुमान है कि शुक्रवार से आसमान साफ हो सकता है और धूप की तीव्रता बढ़ने लगेगी।  


बदलते मौसम से सेहत पर असर, त्वचा रोगियों की संख्या बढ़ी

मौसम में हो रहे बदलाव से सर्दी, जुकाम, बुखार, उल्टी-दस्त जैसी समस्याएं बढ़ने लगी हैं। साथ ही, त्वचा संबंधी रोगियों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। कबीरचौरा स्थित मंडलीय अस्पताल के त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. मुकुंद श्रीवास्तव के अनुसार, खुले रहने वाले शरीर के हिस्सों में खुजली की समस्या अधिक देखी जा रही है। उन्होंने लोगों को पूरी बांह के कपड़े पहनने की सलाह दी है।   अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन 100-125 मरीज पहुंच रहे हैं, जिनमें से करीब पांच मरीज त्वचा पर खुजली की शिकायत लेकर आते हैं। इसके अलावा, सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक सुरक्षा क्लिनिक में भी त्वचा रोगों का इलाज किया जा रहा है।

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