प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना पंजीकरण में वाराणसी उप्र में सातवें स्थान पर
—सरकार की नई व्यवस्था में दूसरी संतान बालिका होने पर धनराशि 6000 एकमुश्त दी जाएगी
वाराणसी, 29 फरवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई - 2.0), मातृ व शिशु मृत्यु दर को कम करने में बेहद कारगर साबित हो रही है। समुदाय में योजना को लेकर जन जागरूकता तेजी से बढ़ रही है। इसी का परिणाम है कि सितंबर 2023 से नए कलेवर में शुरू हुई प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना – 2.0 के तहत अब तक जनपद में 19,667 पात्र महिलाओं का पंजीकरण किया जा चुका है। राज्य स्तर से मिले लक्ष्य के सापेक्ष जनपद में योजना के पंजीकरण की उपलब्धि 86.34 फीसदी है। इसी उपलब्धि से वाराणसी, प्रदेश में सातवें स्थान पर चल रहा है। यह जानकारी गुरूवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने दी।
सीएमओ ने बताया कि योजना के अंतर्गत गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को पहले बच्चे एवं दूसरा बच्चा (लड़की) होने पर लाभ दिये जाने के लिए ज्यादा से ज्यादा पंजीकरण पर जोर दिया जा रहा है। इस दौरान जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। ताकि पात्र लाभार्थियों को योजना का लाभ मिल सके। उन्होंने बताया कि जनपद एवं ब्लॉक स्तर पर योजना के पंजीकरण फॉर्म भराए जाने का कार्य किया जाता है। सरकार पीएमएमवीवाई 2.0 पोर्टल पर अपलोड किए गए फॉर्म का सत्यापन करने के उपरांत सीधे डीबीटी के माध्यम से लाभार्थी के खाते में धनराशि भेज रही है।
लाभ के लिए पंजीकरण अनिवार्य
योजना के नोडल अधिकारी व डिप्टी सीएमओ डॉ एचसी मौर्य ने बताया कि गर्भधारण से 570 दिन के अन्दर लाभ के लिए पंजीकरण किया जा सकता है। पहली बार माँ बनने वाली गर्भवती के लिए मिलने वाली धनराशि दो किश्तों में देय होगी, जिसमें प्रथम किश्त में 3000 रुपये एवं द्वितीय किश्त में 2000 रुपए लाभार्थी महिला के पंजीकृत बैंक खाते में भेजे जाते हैं। सरकार की नई व्यवस्था के अन्तर्गत दूसरी संतान बालिका होने पर धनराशि 6000 रुपए एकमुश्त दी जाएगी। इसमें शिशु के जन्म से 270 दिन के अन्दर लाभ के लिए पंजीकरण किया जा सकता है। दूसरी संतान बालिका का यदि एक अप्रैल 2022 को या उसके बाद जन्म हुआ हो तो इस दशा में पंजीकरण किया जा सकता है। नोडल अधिकारी के अनुसार जनपद में सितंबर 2023 से अब तक 19,667 (86.34फीसदी) लाभार्थी महिलाओं का पंजीकरण हो चुका है। इसमें पहली बार गर्भवती होने वाली 4885 महिलाओं को पहली किश्त के रूप में 3000 रुपये एवं 742 महिलाओं को दूसरी किश्त के रूप में 2000 रुपये उनके पंजीकृत बैंक खाते में भेजे जा चुके हैं। वहीं, दूसरी बार संतान बालिका होने वाली 2527 लाभार्थी महिलाओं को एकमुश्त 6000 रुपये उनके पंजीकृत बैंक खाते में भेजे जा चुके हैं। शेष लाभार्थियों को योजना के नियमानुसार समय से भुगतान किया जाएगा।
पंजीकरण के लिए यह जानना जरूरी
योजना की जिला कार्यक्रम समन्वयक शालिनी श्रीवास्तव ने बताया कि इस योजना में पंजीकरण प्रक्रिया व उससे जुड़ी जानकारी के लिए अपने नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर तैनात एएनएम व आशा कार्यकर्ताओं से संपर्क किया जा सकता है। पीएमएमवीवाई वर्जन 2.0 योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। पात्रता के लिए अपलोड किए जाने वाले इन प्रमाणपत्रों में से कोई एक लाभार्थी के पास होना जरूरी है। ऐसी महिलाएं जिनकी कुल वार्षिक आय रुपये आठ लाख प्रति वर्ष से कम हो, मनरेगा जॉब कार्ड धारक महिला,महिला किसान जो किसान सम्मान निधि की लाभार्थी हो,ई-श्रम कार्ड धारक महिलाएं,आयुष्मान भारत के अन्तर्गत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) लाभार्थी महिलाएं,बी०पी०एल० राशन कार्ड धारक महिलाएं,महिलाएं जो आंशिक रूप से (40 प्रतिशत) या पूर्णतः दिव्यांग हों, अनुसूचित जाति (एससी) महिलाएं,अनुसूचित जनजाति (एसटी) महिलाएं, गर्भवती एवं धात्री महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ता,आंगनबाड़ी सहायिका,आशा कार्यकर्ता,राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अन्तर्गत राशन कार्ड लाभार्थी महिलाएं।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/पदुम नारायण
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