वाराणसी : चोलापुर के शिल्पकार दूधनाथ प्रसाद, सविता और चुनार के फैजलुर को मिलेगा संत कबीर राज्य हथकरघा पुरस्कार
वाराणसी। परंपरागत बुनकरी कला और हथकरघा शिल्प को बढ़ावा देने के उद्देश्य से संचालित संत कबीर राज्य हथकरघा पुरस्कार वर्ष 2025–26 के लिए बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में चयन प्रक्रिया पूरी की गई। जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में चयन समिति के संयुक्त आयुक्त उद्योग, क्षेत्रीय प्रबंधक यूपिका, प्रोजेक्ट ऑफिसर (उ.प्र. राज्य हथकरघा निगम), उप निदेशक (बुनकर सेवा केंद्र) और नामित दो बुनकर प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
बैठक में वाराणसी और मिर्जापुर जिलों से कुल 42 नमूने प्रस्तुत किए गए, जिनमें साड़ी, ड्रेस मटेरियल, दरी, स्टोल, होम फर्निशिंग और वाल हैंगिंग शामिल थे। विस्तृत परीक्षण एवं मूल्यांकन के बाद तीन शिल्पकारों के कार्यों को परिक्षेत्रीय स्तर पर प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान के लिए चुना गया।

चयनित शिल्पकार और उनकी कलाकृतियाँ
प्रथम स्थान
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दूधनाथ प्रसाद, निवासी—अजगरा, चोलापुर (वाराणसी)
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कृति: कटुआ रंगकार्ट साड़ी
उनकी साड़ी के पारंपरिक डिज़ाइन, रंग संयोजन और सूक्ष्म बुनाई को सर्वश्रेष्ठ पाया गया।
द्वितीय स्थान
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सविता प्रसाद, निवासी—कमना, चोलापुर (वाराणसी)
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कृति: रंगकार्ट कटुआ वाल हैंगिंग
हाथ से तैयार की गई वाल हैंगिंग में कलात्मक पैटर्न और बारीक कारीगरी ने समिति को प्रभावित किया।
तृतीय स्थान
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फैजलुर रब, निवासी—मोची टोला, चुनार (मिर्जापुर)
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कृति: दरी कैनवास मध्यकालीन कलाकृति डिजाइन
उनकी दरी में मध्यकालीन कला शैली का संयोजन और डिज़ाइन तकनीक को उत्कृष्ट श्रेणी में रखा गया।
पुरस्कार राशि और सम्मान
सहायक आयुक्त (हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग) अरुण कुमार कुरील ने बताया कि परिक्षेत्रीय पुरस्कार पाने वाले शिल्पकारों को निम्नानुसार सम्मानित किया जाएगा—
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प्रथम पुरस्कार: ₹20,000 नकद + शील्ड + प्रमाण पत्र + अंगवस्त्र
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द्वितीय पुरस्कार: ₹15,000 नकद + शील्ड + प्रमाण पत्र + अंगवस्त्र
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तृतीय पुरस्कार: ₹10,000 नकद + शील्ड + प्रमाण पत्र + अंगवस्त्र
चयनित नमूनों को अब राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए आयुक्त एवं निदेशक, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग, कानपुर के कार्यालय को भेजा जाएगा।
राज्य स्तरीय पुरस्कार की राशि
राज्य स्तर के विजेताओं को निम्नानुसार सम्मानित किया जाएगा—
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प्रथम श्रेणी: ₹1,00,000 नकद + शील्ड + प्रमाण पत्र + अंगवस्त्र
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द्वितीय श्रेणी: ₹50,000 नकद + शील्ड + प्रमाण पत्र + अंगवस्त्र
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तृतीय श्रेणी: ₹25,000 नकद + शील्ड + प्रमाण पत्र + अंगवस्त्र
यह चयन न केवल पारंपरिक बुनकर समुदाय की कला को सम्मानित करता है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को हथकरघा शिल्प को अपनाने के लिए प्रेरित भी करता है। वाराणसी और मिर्जापुर के कलाकारों की यह उपलब्धि क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर और बुनकरी परंपरा के समृद्ध योगदान को पुनः स्थापित करती है।

