सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय को मिला भारतीय विज्ञान सम्मेलन में द्वितीय स्थान

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—कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने उपलब्धि को सामूहिक प्रयास का फल बताया

वाराणसी,31 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय ने भारतीय विज्ञान सम्मेलन 2025 में द्वितीय स्थान प्राप्त कर बड़ी उपलब्धि हासिल की है। तिरुपति स्थित राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजित इस चार दिवसीय सम्मेलन में विश्वविद्यालय के भारतीय ज्ञान परंपरा केंद्र ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। विश्वविद्यालय की इस बड़ी उपलब्धि पर कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने बुधवार को खुशी जताई और इस सफलता को सामूहिक प्रयास का फल बताया। उन्होंने कहा कि यह सम्मान भविष्य में भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित शोध को और अधिक गति प्रदान करेगा तथा विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मंचों पर नई पहचान दिलाएगा। उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन का उद्देश्य भारतीय ज्ञान परंपरा और आधुनिक विज्ञान के समन्वय को सुदृढ़ करना था। देशभर से आए वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों, शोधार्थियों और विद्वानों ने भारतीय परंपरागत ज्ञान को समकालीन वैज्ञानिक दृष्टि से प्रस्तुत किया। भारतीय ज्ञान परंपरा केंद्र की प्रस्तुति में भारतीय दर्शन, आयुर्वेद, गणित, खगोल विज्ञान, पर्यावरण तथा भाषिक परंपरा से जुड़े विषयों को आधुनिक वैज्ञानिक संदर्भों के साथ प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया। केंद्र की इस प्रस्तुति को निर्णायक मंडल द्वारा विशेष सराहना मिली। इस सम्मेलन में भारतीय ज्ञान परंपरा केंद्र के प्रधान गवेषक डॉ. ज्ञानेन्द्र सापकोटा के साथ केंद्र के प्रशिक्षु सजल शर्मा एवं श्री ऋषभ कुमार मिश्र ने संयुक्त रूप से भागीदारी की।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

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