धर्मान्तरित लोगों की घर वापसी कराना प्रत्येक हिन्दू का दायित्व: अनिल कुमार
—राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष में वाराणसी में जगह—जगह हिन्दू सम्मेलन
वाराणसी,28 दिसंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस)के स्थापना के शताब्दी वर्ष में रविवार को उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी काशी (वाराणसी)में सकल हिन्दू समाज की ओर से जगह—जगह हिन्दू सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसी क्रम में संघ के काशी दक्षिण सामने घाट स्थित श्रीनाथ उपवन एवं काशी उत्तर के हनुमान मंदिर परमानन्दपुर में आयोजित हिन्दू सम्मेलनों को संघ के पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र प्रचारक अनिल कुमार ने संबोधित किया। उन्होंने बतौर मुख्य वक्ता कहा कि धर्मान्तरित लोगों की घर वापसी कराना प्रत्येक हिन्दू का दायित्व है। हमारे ही परिवारों में कार्य करने वाले स्त्री—पुरुष धर्मान्तरण कर रहे हैं और हमें इस संकट का अनुमान भी नहीं है। गरीबी के कारण धर्मान्तरण होता है, यह बिल्कुल झूठ है क्योंकि वनवासी प्रदेशों में हमारे वनवासी भाई—बन्धु अपनी परम्पराओं को आज भी सहेजे हुए है। सोने को बेचकर यदि लोहा खरीदना पड़े तो अवश्य खरीदें। उन्होंने कहा कि हिन्दू के शरीर पर सोना तभी तक सुरक्षित है, जब तक उनके घरों में लोहा सुरक्षित है। 1947 में भारत पाक बंटवारे के समय कराची एवं लाहौर में अनेक धनवान हिन्दुओं को अपना सब कुछ छोड़कर आना पड़ा। यह घटना दोहराई न जाए अत: समग्र हिन्दू समाज को धर्मयोद्धा बनना ही पड़ेगा। सामाजिक समरसता का उल्लेख कर उन्होंने कहा कि वर्तमान में अलग—अलग महापुरुषों की जयन्तियां मन रही है। दुर्भाग्य यह है कि अलग—अलग जातियों के लोग यह कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। जबकि भारत की ही थारू एवं गाडिया लोहार जन—जाति महाराणा प्रताप को देवता की तरह सम्मान देती है। महापुरुष को किसी भी जाति बंधन में नहीं बांधा जा सकता । स्वामी विवेकानन्द का कथन है कि जब कोई व्यक्ति धर्मान्तरित होता है तो देश का एक दुश्मन बढ़ता है। हिन्दू सम्मेलन की सार्थकता धर्मांतरण को समाप्त करने में है। काशी उत्तर के हनुमान मंदिर परमानन्दपुर में बतौर मुख्य अतिथि हथियाराम मठ गाजीपुर के पीठाधीश्वर भवानी नन्दन यति जी महाराज ने कहा कि हीन भावना से दूर रहने वाला हिन्दू है। हिन्दू धर्म वरिष्ठ जनों का सम्मान, राष्ट्रभक्ति, भातृप्रेम एवं संस्कारों का अनुपालन करना है। परहित सरिस धर्म नहीं भाई, परपीड़ा सम नही अधमाई। धारण किये जाने योग्य कर्तव्य ही धर्म है। हिन्दू सम्मेलन का उद्देश्य ही यह है कि युवा धर्म को ठीक प्रकार से समझे। भगवान कृष्ण ने श्रीमद्भगवत् गीता में कहा कि अपने धर्म में रहकर मर जाना अच्छा है। दूसरे के धर्म में जीवन भी निरर्थक है। भारत के विखण्डन का मूल आधार धर्म ही रहा है। परन्तु वर्तमान भारत में धर्म एवं संस्कृति की उपेक्षा आज भी जारी है। काशी दक्षिण के श्रीनाथ उपवन में साध्वी मुक्तेश्वरी देवी ने कहा कि हिन्दू घरों में जो पुरुष या महिला काम करते हैं वह केवल एक कम्बल के लिए चर्च चले जाए यह चिन्ता का विषय है। इस कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन डॉ हरेन्द्र राय ने किया।
—राष्ट्रीयता का विकास करने के लिए सामाजिक परिवर्तन आवश्यक : हरमेश चौहान
काशी दक्षिण के असि घाट पर आयोजित हिन्दू सम्मेलन में पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र कार्यकारिणी सदस्य हरमेश चौहान ने कहा कि राष्ट्रीयता का विकास करने हेतु सामाजिक परिवर्तन आवश्यक है। इस सामाजिक परिवर्तन को पांच प्रमुख परिवर्तनों द्वारा लाया जा सकता है। जिसे पंच प्रण का नाम दिया गया है।
—बच्चों को अध्यात्म, साहित्य, संस्कृति, धर्म से जोड़ने की आवश्यकता — सुनील
आरएसएस के काशी मध्य के शिवपुरवा बस्ती महमूरगंज में हिन्दू सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए संघ के काशी प्रान्त के सह प्रान्त प्रचारक सुनील ने कहा कि आज अपने बच्चों को जीवन मूल्य सिखाने की आवश्यकता है। बच्चों को अध्यात्म, साहित्य, संस्कृति, धर्म से जोड़ने की आवश्यकता है। बच्चों को कहानियों, व्यवहार, आचरण, शिक्षा से एक श्रेष्ठ नागरिक बनाने का कार्य करना है। संघ समाज में पंच परिवर्तन सामाजिक समरसता, नागरिक कर्तव्यबोध, पर्यावरण, स्वदेशी और कुटुंब प्रबोधन को लेकर जा रहा है, इसे अपने जीवन में उतारना है।
—प्राचीन भारत में समरसता, सहकारिता के साथ थी — त्रिलोक
काशी दक्षिण के खोजवां स्थित कम्पोजिट प्राथमिक विद्यालय परिसर में आयोजित हिन्दू सम्मेलन में मुख्य वक्ता संघ के सह विभाग संघचालक काशी विभाग त्रिलोक ने कहा कि प्राचीन भारत में समरसता, सहकारिता के साथ थी। सभी सामाजिक आयोजन एक दूसरे के परस्पर सहयोग से सम्पादित होते थे। इसी तरह काशी मध्य भाग के विनायक और सरस्वती बस्ती में आयोजित हिंदू सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि महंत द्वारकाधीश मंदिर रामदास आचार्य और मुख्य वक्ता दीनदयाल ने सम्बोधित किया। अध्यक्षता डॉ महेंद्र कुमार जायसवाल ने किया। कार्यक्रम का संचालन प्रदीप चौरसिया एवं समीर ने किया। धन्यवाद ज्ञापन अंशु ने किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम छात्र—छात्राओं ने प्रस्तुत किया।
—इन स्थानों पर भी आयोजित हुए हिन्दू सम्मेलन
केशव नगर स्थित महामनापुरी कॉलोनी, कबीर नगर के होरीलाल पार्क में नवीन श्रीवास्तव, लोहिया नगर कालोनी सामुदायिक केन्द्र आशापुर में गुलाब , मुड़ीकट्टा बाबा पार्क दौलतपुर में दिनेश , पिसौर (शिवनगर) में कमलेश , रामजानकी मंदिर एवं दास नगर कॉलोनी पार्क के सामने जगतगंज, चंदेश्वर महादेव मंदिर चंदापुर, आकाश वाटिका भरथरा समेत अन्य कई स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित हुए।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

