आगामी तीन वर्ष गंगाजी को समर्पित करें गंगा महासभा के कार्यकर्ता, नई ऊर्जा के साथ चलेगा गंगा अभियानः स्वामी जीतेन्द्रानन्द

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आगामी तीन वर्ष गंगाजी को समर्पित करें गंगा महासभा के कार्यकर्ता, नई ऊर्जा के साथ चलेगा गंगा अभियानः स्वामी जीतेन्द्रानन्द


वाराणसी, 26 दिसंबर (हि.स. )। उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी वाराणसी में देशभर से जुटे गंगा महासभा के कार्यकर्ताओं ने भारत रत्न महामना मदन मोहन मालवीय के जन्म जयन्ती के अवसर पर उनके गंगा रक्षा संघर्ष को याद किया। इस अवसर पर गंगा महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती ने कहा कि मालवीय जी का गंगाजी के लिए किया गया संघर्ष हमें यह सिखाता है कि विकास और पर्यावरण संरक्षण में संतुलन आवश्यक है। गंगा महासभा उनके विचारों की जीवित विरासत है। गंगा जी के लिए किए गए उनके कार्यों को स्मरण कर गंगा महासभा नई ऊर्जा के साथ गंगा रक्षा में जुटेगी। महामना से प्रेरणा लेकर गंगा महासभा के कार्यकर्ता आगामी तीन वर्ष गंगाजी को समर्पित करें। गंगा बचेगी तो संस्कृति बचेगी, और संस्कृति बचेगी तो राष्ट्र सशक्त बनेगा। इसके पूर्व बीते गुरुवार की शाम गंगा महासभा की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक ब्रह्मनिवास, सिद्धगिरिबाग में संपन्न हुई। बैठक का उद्घाटन राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रो ओमप्रकाश सिंह, राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती एवं राष्ट्रीय संगठन महामंत्री आचार्य गोविंद शर्मा ने मां गंगा, महामना मालवीय एवं स्वामी सानंद के चित्र पर माल्यार्पण कर किया।

राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक के उद्घाटन सत्र में स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती ने कहा कि गंगा जी को अतिक्रमण से मुक्त कर यथाशीघ्र लैंड डिमारकेशन होना चाहिए। कछार में कृषि के अतिरिक्त कोई कार्य नहीं होना चाहिए। गंAaAगा जी के घाटों को स्वच्छ रखने के लिए जनजागरण आवश्यक है। आगामी नासिक और उज्जैन कुम्भ में गंगा महासभा के कार्यकर्ता सेवा, संवाद और संगठन और तकनीक के माध्यम से अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

राष्ट्रीय कार्यकारिणी की नई टीम घोषित करते हुए संगठन महामन्त्री आचार्य गोविंद शर्मा ने आगामी कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गंगा सप्तमी पर देशभर के 1000 गंगा भक्तों का सम्मेलन प्रयागराज में आयोजित होगा। इसमें गंगा शासित राज्यों (उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, बिहार , झारखण्ड एवं पश्चिम बंगाल) तथा गंगा बेसिन राज्यों ( राजस्थान, मध्यप्रदेश, हरियाणा एवं दिल्ली) के प्रकृति, संस्कृति पर कार्य करने वाले प्रमुख लोग भी शामिल होंगे। इससे पूर्व गंगा महासभा के कार्यकर्त्ताओं का दो दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग 7,8 मार्च को प्रयागराज में होगा। नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 3,4 अप्रैल को स्वामी नारायण मंदिर तपोवन, नासिक में होगी। संस्कृति संसद 2026 का आयोजन 3,4 एवं 5 नवंबर को काशी में आयोजित होगा।

इस अवसर पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रोफेसर ओम प्रकाश सिंह,आर पी सिंह, देवेंद्र तिवारी, निशीथ दत्ता, माधवी तिवारी, प्रो हरिशंकर कंसाना, डॉ नवीन तिवारी, प्रो. रामलखन धाकड़, दीपक बारपेटे, वशिष्ठ मालवीय, जीतेन्द्र सिंह, डॉ मनीष त्रिपाठी, शाश्वत पाण्डेय, दिव्यांशु सिंह, प्रतीक शर्मा आदि उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

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