वाराणसी में उपासना स्थलों पर नहीं लगेगा कर, किसी भी उपासना स्थलों पर कोई कार्यवाही प्रस्तावित नहीं : नगर आयुक्त
वाराणसी , 18 दिसंबर ( हि.स.)। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में उपासना स्थान पर कोई कर नहीं लगेगा। कर लगाने के लिए कोई कार्यवाही भी प्रस्तावित नहीं है। गुरुवार को नगर आयुक्त हिमांशु नागपाल ने स्मार्ट सिटी सभागार में य़ह जानकारी मीडिया कर्मियों को दी।
उन्होंने बताया कि नगर निगम द्वारा उपासना स्थलों को गृहकर से मुक्त किया गया है। सीवर कर व जलकर में पचास प्रतिशत छूट भी उपासना स्थान को जायेगा। नगर आयुक्त ने बताया कि पूर्व में भवनों पर पृथक-पृथक गृहकर बिल एवं जलकल विभाग के द्वारा अलग से सीवरकर व जलकर के बिल जारी किये जाते थे। उ0प्र0 शासन द्वारा जारी आदेश 09.05.2025 के अनुसार नगर निगमों में एकीकृत बिल जिसमें गृहकर, जलकर, सीवरकर एकीकृत बिल जारी किये जाने के निर्देश दिये गये थे।
शासन के उक्त निर्देश पर पहली बार वित्तीय वर्ष 2025-26 में एकीकृत बिल जिसमें गृहकर, जलकर, सीवरकर (सम्पत्ति कर के रूप में) संयुक्त बिल जारी किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में शेष बचे लगभग 4 माह में लक्ष्य के सापेक्ष वसूली 20 हजार रुपये से अधिक के सम्पत्ति कर बकाये वाले सभी भवनों पर डिमाण्ड आफ नोटिस जारी किया गया। नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा-175 एवं 177 में वर्णित है कि उपासना स्थलों पर गृहकर से मुक्त है, किन्तु जलकर, सीवरकर को अवमुक्त नही किया गया है। यदि कोई उपासना स्थल 80 जी की परिधि में आते हैं तो उन्हे सीवरकर व जलकर में पचास प्रतिशत की छूट दी जायेगी।
नगर आयुक्त ने स्पष्ट रूप से कहा कि नगर निगम किसी भी उपासना स्थल पर कोई कार्यवाही नहीं करने जा रहा है। नगर निगम द्वारा सभी उपासना स्थलों को चिन्हित करने की कार्यवाही की जा रही है, जिसे उन्हे करमुक्त किया जा सके, कोतवाली जोन में अभी तक 40 मन्दिरों, 6 मस्जिदों तथा 1 गुरूद्वारा को चिन्हित कर लिया गया है।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

