कानपुर नगर निगम पर भड़के अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के सदस्य रमेश चंद्र कुंडे

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कानपुर नगर निगम पर भड़के अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के सदस्य रमेश चंद्र कुंडे


कानपुर, 16 दिसंबर (हि.स.)। अनुसूचित जाति जनजाति का होने की वजह से मेरे साथ दुर्व्यवहार किया गया है। प्रोटोकॉल होने के बावजूद नगर निगम से मुझे कोई रिसीव करने भी नहीं आया और न ही किसी ने पानी के लिए पूछा। इस वजह से मैं बहुत भावुक हो गया हूँ। मैं इसकी शिकायत शासन से अवश्य करूंगा। यह बातें मंगलवार को जनपद पहुंचे अनुसूचित जाति जनजाति के सदस्य रमेश चंद्र कुंडे ने कही।

अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के सदस्य रमेश चंद्र कुंडे कानपुर पहुंचे। प्रोटोकॉल के मुताबिक उन्हें मोतीझील स्थित नगर निगम पहुंचकर सफाई कर्मचारियों की समस्याओं के निस्तारण के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक करनी थी। नगर निगम पहुंचने के बाद उन्हें किसी ने भी नहीं पहचाना।

उनके स्वागत में भी कोई नहीं आया। अधिकारियों और कर्मचारियों की इस अनदेखी की वजह से वह भड़क गए। उन्होंने नगर निगम प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक प्यासा रहने के बावजूद किसी ने उनसे पानी तक नहीं पूछा, जिससे वह भावुक हो गए।

उनका आरोप है कि वह अनुसूचित समाज से आते हैं। इसी कारण उनका अपमान किया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस पूरे मामले की शिकायत वह आयोग में दर्ज कराएंगे और संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा जाएगा।

इसके साथ ही उन्होंने नगर निगम में कार्यरत वाल्मीकि समाज के कर्मचारियों के शोषण का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि ट्रांसफर-पोस्टिंग के नाम पर कर्मचारियों से अवैध वसूली की जा रही है, जो गंभीर मामला है।

जहां एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सफाई कर्मियों को उनका अधिकार दिलाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ जिम्मेदार अधिकारी अपनी मनमानी दिखा रहे हैं। जब उन्होंने मेरे साथ इस तरह का व्यवहार किया है तो जाहिर है सफाई कर्मियों के साथ इससे भी खराब व्यवहार किया जाता होगा। मैं इसकी शिकायत शासन से जरूर करूंगा।

हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप

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