उप्र में गुलाबी ठंड ने दी दस्तक, रात-दिन के तापमान में बढ़ा अंतर

उप्र में गुलाबी ठंड ने दी दस्तक, रात-दिन के तापमान में बढ़ा अंतर
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उप्र में गुलाबी ठंड ने दी दस्तक, रात-दिन के तापमान में बढ़ा अंतर


मीरजापुर, 20 नवम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में सर्दी ने दस्तक देना शुरू कर दिया है। धीरे-धीरे तापमान में गिरावट आनी शुरू हो गई है। इन दिनों दोपहर के समय धूप निकल रही है, लेकिन सुबह और शाम सर्द होने लगी है। अब गर्म कपड़े निकालने का वक्त आ गया है। मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले तीन से चार दिनों में तापमान में और गिरावट आएगी। हालांकि इस बार गर्मी का मौसम अधिक समय तक बरकरार रहा। सितम्बर माह में अप्रैल जैसी गर्मी का अहसास हुआ, लेकिन नवम्बर के बीच ही मौसम ने करवट बदल ली है। अब घर की छतों पर रखा टंकी का पानी भी गर्म नहीं हो रहा है। वहीं सुबह की सर्दी ने स्वेटर पहनने के लिए मजबूर कर दिया है। शाम को भी सूर्य देवता छह बजे से पहले ही अस्त हो रहे हैं। इससे रातें लंबी होनी शुरू हो गई हैं।

चिलचिलाती धूप व गर्मी भरे मौसम के बाद अब गुलाबी मौसम ने दस्तक दे दी है। रात का तापमान भी लुढ़कने लगा है। इससे रात का मौसम ठंडा पड़ने लगा है। हालांकि सर्दी का मौसम अच्छा गया है परंतु मौसम के करवट बदलने पर जरा सी लापरवाही सेहत के लिए खतरा बन सकती है। ऐसे में सावधानी बरतने से गुलाबी मौसम का आनंद उठाया जा सकता है। उधर, बदलते मौसम के साथ बाजार का ट्रेंड भी बदल गया है। लोगों ने गर्म कपड़ों की खरीदारी पर ध्यान देना शुरू कर दिया है।

सावधानी बरतने की जरूरत

गुलाबी ठंड के इस मौसम में खास सावधानी बरतने की जरूरत है। खासकर बच्चों व बुजुर्गाें को ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है। चिकित्सकों की मानें तो बूढ़े, व्यस्क एवं बच्चे इस बदलते मौसम के कारण श्वास रोग, मियादी बुखार, डेंगू बुखार, एलर्जी रायनाइटिस रोग के शिकार हो रहे हैं। फिजिशियन डा. प्रदीप कुमार ने सलाह दी कि इस बदलते मौसम में थोड़ी सी सर्तकता बरतने से इन रोगों से बचा जा सकता है। डेंगू बुखार के लक्षण के बारे में बताते हैं कि डेंगू होने पर तेज बुखार, आंख के ऊपर ललाट के पास तेज दर्द एवं हड्डी व जोड़ों में तेज दर्द होना इसका लक्षण है। मियादी बुखार में उच्च बुखार लगातार रहना, दिन में बुखार बढ़ना-घटना, कमजोरी का एहसास होना, पेट खराब होना मुख्य लक्षण है।

एलर्जी रायनाइटिस में नाक से पानी जाना, लगातार छीक होना, हल्का खांसी होना, बुखार जैसा महसूस होना इस रोग का लक्षण है। इन सभी रोगों से बचाव के लिए घर एवं आसपास की सफाई अच्छी तरह से करें। आसपास जलजमाव न होने दें। सफाई पर विशेष ध्यान दें। सोने के समय मच्छरदानी का उपयोग करें, शरीर को ढककर रखें। स्वच्छ पानी का सेवन करें, पानी को गर्म कर ठंडा कर पीएं। सर्द-गर्म का विशेष ख्याल रखें। दिन के समय शरीर का पसीना सूखने के बाद ही स्नान करें। इन सभी रोगों का लक्षण प्रतीक होने पर तुरंत चिकित्सक से परामर्श लें।

बच्चों व बुजुर्गों के लिए वर्तमान मौसम बेहद खतरनाक

वर्तमान मौसम सांस के मरीजों के साथ छोटे बच्चों व बुजुर्गों के लिए बेहद खतरनाक है। ऐसे में उनको बचकर रहना चाहिए। बाहर निकलते समय नाक पर कपड़ा रखें। बाहर से आते ही आंखों को सामान्य पानी से धोना चाहिए।

मौसम विशेषज्ञ बोले, अगले तीन-चार दिनों में बढ़ेगी ठंड

उत्तर प्रदेश में इन दिनों अधिकतम तापमान 26 डिग्री से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है। जबकि न्यूनतम तापमान 15-17 डिग्री सेल्सियस के बीच है। सोमवार को दोपहर अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस रहा और न्यूनतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अगले तीन-चार दिनों में उत्तर प्रदेश के तापमान में और गिरावट आएगी। ग्रामीण कृषि मौसम सेवा भू-भौतिकी विभाग बीएचयू वाराणसी के नोडल अधिकारी प्रो. रवि शंकर सिंह व तकनीकी अधिकारी (मौसम वैज्ञानिक) शिव मंगल सिंह ने बताया कि आगामी दिनों में मौसम परिवर्तनशील रहेगा। न्यूनतम तापमान में गिरावट के साथ ठंड हवाओं के चलने की संभावना है। इसके चलते धीरे-धीरे ठंड में बढ़ोत्तरी होगी। हवा की गति सामान्य रहेगी।

त्वचा का रखें ख्याल, खाने-पीने के साथ सेहत पर भी दें ध्यान

सर्दी शुरू होते ही शरीर से पसीना आना बंद हो जाता है। इससे त्वचा में खिंचाव आ जाता है और त्वचा फटनी शुरू हो जाती है। ऐसे में त्वचा पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। विशेषज्ञ की सलाह है कि अधिक कास्टिक वाली साबुन का इस्तेमाल करें। मॉस्चराइजर का जरूर इस्तेमाल करना चाहिए। ठंड के मौसम में यदि आपके खाने-पीने का चार्ट बिगड़ा तो इससे आपकी सेहत तो बिगड़ेगी ही, आपकी फिगर पर भी बुरा असर पड़ सकता है। ऐसे में विशेषज्ञ ने सर्दी के मौसम में रोजाना टहलने और व्यायाम करने की जरूरत बताई है।

विशेषज्ञ की राय:

- हाफ बाजू कपड़ों को छोड़कर फुल बाजू कपड़े पहनें।

- रात के समय पंखे का इस्तेमाल करें।

- रात के समय बच्चों को गर्म कपड़े पहनाएं।

- पानी को उबालकर पीएं।

- इंफेक्शन वाले मरीज से दूर रहें।

हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/बृजनंदन

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