सामाजिक चेतना और नैतिकता से जुड़ा विषय है यौन उत्पीड़न : अश्विनी कुमार
-एमजीयूजी गोरखपुर के आयुर्वेद कालेज में हुआ आयाेजन
गोरखपुर, 17 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर (एमजीयूजी) के गुरु गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आयुर्वेद कालेज) में राष्ट्रीय सेवा योजना (रासेयो) की अष्टावक्र इकाई द्वारा में ‘यौन उत्पीड़न रोकथाम एवं निवारण’ विषय पर बुधवार को अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि समाजसेवी अश्विनी कुमार ने कहा कि यौन उत्पीड़न केवल व्यक्तिगत समस्या नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना और नैतिकता से जुड़ा विषय है।
अश्विनी कुमार ने कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (निवारण, निषेध एवं प्रतितोष) अधिनियम की मूल भावना पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कानून का उद्देश्य दंड देना ही नहीं, बल्कि सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करना है। इसमें समाज और व्यक्ति के संस्कार महत्वपूर्ण होते है। भारतीय परिप्रेक्ष्य तथा ज्ञान परंपरा में बारम्बार संस्कार और चरित्र निर्माण विद्यार्थियों, शिक्षकों तथा शिक्षण संस्थाओं के महत्वपूर्ण गतिविधि थे। इस संस्कृति का विलोप होने से इस तरह के अपराध बढ़ते हैं।
उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे अपनी दिनचर्या व्यवस्थित रखे, संगत ठीक रखे, इस तरह के विचारों को मन मस्तिष्क में स्थान न दे। परस्पर सम्मान की संस्कृति विकसित करें और किसी भी प्रकार के अनुचित आचरण के विरुद्ध निर्भीक होकर लड़े। साथ ही, उन्होंने संस्थानों में आंतरिक शिकायत समिति की भूमिका को भी रेखांकित किया।
अध्यक्षीय भाषण देते हुए आयुर्वेद कालेज के प्राचार्य डॉ. गिरिधर वेदांतम ने कहा कि चिकित्सा एवं शैक्षणिक संस्थान केवल ज्ञानार्जन के केंद्र नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण और मानवीय मूल्यों के संवाहक भी होते हैं। उन्होंने कहा कि यौन उत्पीड़न की रोकथाम के लिए कानून के साथ-साथ नैतिक शिक्षा, संवेदनशील संवाद और सकारात्मक संस्थागत संस्कृति आवश्यक है। कार्यक्रम संयोजक एवं रासेयो के कार्यक्रम अधिकारी आचार्य साध्वीनन्दन पाण्डेय ने कहा कि यौन उत्पीड़न रोकथाम जैसे विषयों पर संवाद करना आज की आवश्यकता है, ताकि युवा पीढ़ी सुरक्षित, जागरूक और संवेदनशील नागरिक बन सके।
आयुर्वेद कालेज की कमेटी अगेंस्ट सेक्सुअल हरासमेंट की वरिष्ठ सदस्य डॉ. विष्णुमाया ने सभी के प्रति आभार प्रकट किया। संचालन शिवांश ने किया। कार्यक्रम में डॉ रश्मि पुष्पन, डॉ संध्या, डॉ नवोदय राजू, डॉ विनम्र, डॉ अर्पित, डॉ ब्रह्मदेव सहित सभी प्राध्यापकगण, चिकित्सक, विद्यार्थी एवं अष्टावक्र इकाई, आत्रेय इकाई,और भारद्वाज इकाई के स्वयंसेवकों की सक्रिय सहभागिता रही।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय

