साहिबजादों की शहादत को मिला ‘वीर बाल दिवस’ का राष्ट्रीय सम्मान : सांसद
कानपुर, 27 दिसंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रही भारत सरकार ने 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर घोषित कर देश के इतिहास के एक स्वर्णिम अध्याय को सम्मान दिया है। नौ जनवरी 2022 को श्री गुरु गोविंद सिंह जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह ऐतिहासिक घोषणा की थी कि 26 दिसंबर को दसवें सिख गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह जी के पुत्र साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की अद्वितीय शहादत की स्मृति में वीर बाल दिवस मनाया जाएगा। यह बातें शनिवार को सांसद रमेश अवस्थी ने कही।
वीर बाल दिवस पर आज भारतीय जनता पार्टी कानपुर उत्तर जिला द्वारा गुरु गोविंद सिंह जी के पुत्रों साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह व साहिबजादे बाबा फतेह सिंह जी पर मुगल शासक औरंगजेब द्वारा किए गए अत्याचार व क्रूरता के दृश्यों को प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया गया। प्रदर्शनी का संयोजन सरदार रमिंदर सिंह रिंकू, सुनीता गौड़, रोहित साहू अभिषेक दीक्षित,पूनम कंवर, मनोज अग्रवाल, यश जायसवाल और अभिराज सिंह ने किया। प्रदर्शनी का उद्घाटन सांसद रमेश अवस्थी विधायक नीलिमा कटियार व जिला अध्यक्ष अनिल दीक्षित ने किया।
विधायक नीलिमा कटियार ने कहा कि साहिबजादों का बलिदान धर्म, राष्ट्र और मानवता की रक्षा के लिए अद्वितीय उदाहरण है। इतनी अल्प आयु में भी उन्होंने अत्याचार और अन्याय के सामने झुकने से इनकार किया। उनका जीवन और बलिदान आज के बच्चों और युवाओं को साहस, आत्मबल, देशभक्ति और संस्कारों की प्रेरणा देता है। जिला अध्यक्ष अनिल दीक्षित ने कहा कि वीर बाल दिवस केवल स्मरण का दिवस नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों में राष्ट्र के प्रति कर्तव्यबोध जागृत करने का माध्यम है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीर बाल दिवस घोषित कर सिख गुरुओं और साहिबजादों के बलिदान को राष्ट्रीय चेतना से जोड़ने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सदैव देश की गौरवशाली परंपराओं और बलिदानों को सम्मान देने का कार्य करती रही है। वीर बाल दिवस के माध्यम से बच्चों को देश के इतिहास से जोड़ने और उनमें राष्ट्रभक्ति के संस्कार विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है साहिबजादों की शहादत संपूर्ण मानवता के लिए प्रेरणा है।
उन्होंने कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी और उनके साहिबजादों ने अत्याचार के विरुद्ध खड़े होकर यह संदेश दिया कि धर्म और सत्य की रक्षा के लिए किसी भी प्रकार का बलिदान छोटा नहीं होता। वीर बाल दिवस समाज को एकजुट करने और देश की साझा विरासत को सुदृढ़ करने का पर्व है।
हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप

