कानपुर मेट्रो बना ह्यूमन इंजीनियरिंग का उत्कृष्ट उदाहरण : सुशील कुमार

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कानपुर मेट्रो बना ह्यूमन इंजीनियरिंग का उत्कृष्ट उदाहरण : सुशील कुमार


कानपुर, 30 दिसम्बर (हि.स.)। कानपुर मेट्रो ने निर्माण कार्य आरम्भ होने के बाद शहर के भीतर इंजीनियरिंग क्षमता के नए प्रतिमान स्थापित किए हैं। कानपुर जैसे घनी आबादी वाले शहर में विभिन्न विभागों के बीच समन्वय स्थापित कर निर्माण कार्य को आगे बढ़ाना एक बड़ी चुनौती है। इस परियोजना को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाना ‘ह्यूमन इंजीनियरिंग’ का उत्कृष्ट उदाहरण है। यह बातें मंगलवार को यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने कही।

उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (यूपीएमआरसी) के अंतर्गत संचालित कानपुर मेट्रो कॉरिडोर-1 (आईआईटी से नौबस्ता) के बैलेंस सेक्शन (कानपुर सेंट्रल से नौबस्ता) और कॉरिडोर-2 (सीएसए से बर्रा-8) का सिविल निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। कानपुर मेट्रो ने वर्ष 2025 में कई ऐसी उपलब्धियां हासिल की जो शहर के लिए ऐतिहासिक कही जा सकतीं हैं। 30 मई 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झंडी दिखाकर पहली बार अंडरग्राउंड मेट्रो को नयागंज स्टेशन से रवाना किया।

दूसरे चरण के इस विस्तार के साथ ही मेट्रो स्टेशनों की संख्या नौ से बढ़कर 14 हो गई। चुन्नीगंज, नवीन मार्केट, बड़ा चौराहा, नयागंज और कानपुर सेंट्रल - इन पांच अंडरग्राउंड स्टेशनों के जुड़ने से कानपुर मेट्रो शहर की जीवनरेखा के रूप में तेजी से स्थापित हुई है। यात्री सेवाओं के विस्तार के बाद प्रतिदिन 25 से 30 हजार यात्रियों की राइडरशिप दर्ज की गई, जो शहर के भीतर यात्रा के तरीकों में आ रहे व्यापक बदलाव का स्पष्ट संकेत है।

यात्रा के साथ मेट्रो ने शहर को नई यात्रा संस्कृति से भी जोड़ा। ईज ऑफ ट्रैवलिंग और मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी की दिशा में कानपुर मेट्रो के प्रयासों से यात्री खूब लाभान्वित हुए। 'शो योर टैलेंट' पहल के तहत नवोदित कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर दिया गया। पुस्तक पढ़ने की संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न स्टेशनों पर पुस्तक मेले आयोजित किए गए। इसके अलावा 'सेलिब्रेशन ऑन व्हील्स' के तहत मेट्रो ट्रेनों में जन्मदिन, किटी पार्टी जैसे आयोजन यात्रियों के लिए आकर्षण का केंद्र बने रहे।

--नौबस्ता तक मेट्रो संचालन की तैयारियां अंतिम चरण में

कॉरिडोर-1 (आईआईटी से नौबस्ता) के अंतर्गत आईआईटी से कानपुर सेंट्रल तक यात्री सेवाएं आरंभ होने के बाद अगला लक्ष्य नौबस्ता तक मेट्रो संचालन है। इस विस्तार के साथ दो नए अंडरग्राउंड स्टेशन- झकरकटी और ट्रांसपोर्ट नगर तथा पांच नए एलिवेटेड स्टेशन-बारादेवी, किदवई नगर, वसंत विहार, बौद्ध नगर और नौबस्ता मेट्रो नेटवर्क से जुड़ेंगे। जनवरी 2026 में इस शेष बचे हुए सेक्शन पर टेस्ट रन आरम्भ होने की सम्भावना है।

कानपुर सेंट्रल से स्वदेशी कॉटन मिल के समीप रैंप तक लगभग तीन किलोमीटर लंबे अंडरग्राउंड सेक्शन में टनलिंग कार्य अक्टूबर 2025 में ही पूर्ण कर लिया गया था, जिसके बाद वर्तमान में इसके दोनों लाइनों ‘अप-लाइन‘ और ‘डाउनलाइन‘ पर ट्रैक निर्माण कार्य प्रगति पर है। बारादेवी से नौबस्ता तक पांच किलोमीटर लंबे एलिवेटेड सेक्शन में ट्रैक निर्माण पहले ही पूरा किया जा चुका है तथा सिग्नल इंस्टॉलेशन के बाद टेस्टिंग कार्य जारी है। कानपुर सेंट्रल से नौबस्ता तक ट्रेनों की टेस्टिंग एवं स्टेशनों की बिजली आपूर्ति के लिए छह नए सब-स्टेशन तैयार कर उन्हें ऊर्जीकृत कर दिया गया है।

--कॉरिडोर 2 पर भी निर्माण कार्य तेजी से बढ़ा आगे

लगभग 8.60 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर-2 (सीएसए से बर्रा-8) के अंतर्गत निर्मित हो रहे एलिवेटेड सेक्शन में पाइलिंग, पाइल-कैप एवं पिलर निर्माण कार्य अंतिम चरण में हैं। पियर-कैप इरेक्शन का लगभग तीन-चौथाई से अधिक कार्य पूरा किया जा चुका है। आई-गर्डर्स, यू-गर्डर्स और डबल टी गर्डर्स के इरेक्शन कार्य भी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। नौबस्ता स्थित कास्टिंग यार्ड में इन सभी प्री-कास्ट संरचनाओं की ढलाई का कार्य भी अपने अंतिम चरण की ओर है।

लगभग 4.10 किलोमीटर लंबे रावतपुर-डबल पुलिया अंडरग्राउंड सेक्शन के तहत सीएसए परिसर स्थित डिपो रैंप से रावतपुर होते हुए काकादेव तक ‘अप’ एवं ‘डाउन’ दोनों लाइनों पर टनलिंग कार्य पूर्ण हो चुका है। वर्तमान में ‘गोमती’ और ‘पार्वती’ टनल बोरिंग मशीनों द्वारा काकादेव से डबल पुलिया तक टनलिंग कार्य प्रगति पर है। वर्ष 2026 के प्रारम्भिक महीनों में इस सेक्शन का टनलिंग कार्य पूर्ण होने की सम्भावना है, जिसके साथ ही ट्रैक निर्माण कार्य आरम्भ कर दिया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप

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