जिला कारागार में संक्रमण रोकने को न्यायाधीश ने दिए निर्देश

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जिला कारागार में संक्रमण रोकने को न्यायाधीश ने दिए निर्देश


कानपुर, 17 दिसम्बर (हि.स.)। जिला कारागार के पाकशाला में कार्यरत सभी बंदियों को कारागार चिकित्सक की देखरेख में समय-समय पर डिवार्मिंग की दवा दी जाए, जिससे अमीबायसिस जैसी बीमारी से बचाव हो सके और संक्रमण न फैले।

कारागार चिकित्सालय के माध्यम से बंदियों को उपलब्ध कराई जा रही चिकित्सा सुविधाओं की जानकारी प्राप्त कर समुचित उपचार सुनिश्चित कराएं। यह निर्देश बुधवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनमोल पाल ने दिए।

जिला कारागार कानपुर नगर का जिला एवं सत्र न्यायाधीश, जिला मजिस्ट्रेट जितेन्द्र प्रताप सिंह एवं पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) एसएम कासिम आबिदी द्वारा बुधवार को जेल का जायजा लिया गया। इस दौरान अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कमलेश कुमार मौर्य, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सूरज मिश्रा एवं विजिटर बोर्ड के सदस्य सिद्धनाथ सिंह (न्यायिक मजिस्ट्रेट-प्रथम), मुख्य चिकित्साधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी, सहायक आयुक्त उद्योग, जिला कृषि अधिकारी भी उपस्थित रहे।

जनपद न्यायाधीश द्वारा सभी अधिकारियों के साथ बैरकों का निरीक्षण किया गया और बंदियों से बातचीत की गई। सभी अधिकारियों द्वारा कारागार चिकित्सालय, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम, लीगल एड क्लीनिक तथा बंदियों के कल्याण एवं पुनर्वास हेतु संचालित रोजगारपरक प्रशिक्षण कार्यक्रमों का अवलोकन किया गया।

निरीक्षणकर्ता अधिकारियों द्वारा बंदियों से बातचीत करते हुए उनके मुकदमों की वर्तमान स्थिति, अपील, निःशुल्क विधिक सहायता एवं लोक अदालत आदि के संबंध में पूछताछ की गई। जो बंदी अपने निजी अधिवक्ता की व्यवस्था करने में असमर्थ हैं, उन्हें निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराए जाने के संबंध में सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं कारागार अधिकारियों को निर्देश दिए गए। साथ ही जो बंदी जुर्म स्वीकारोक्ति के आधार पर अपने मुकदमों का निस्तारण कराना चाहते हैं, उनके प्रार्थना पत्र संबंधित न्यायालय को प्रेषित किए जाने के निर्देश भी दिए गए।

पाकशाला का जायजा लेने के दौरान बंदियों के लिए तैयार भोजन की गुणवत्ता मानक के अनुरूप पाई गई। जिला जज द्वारा यह भी निर्देश दिए गए कि जो बंदी लंबे समय से कारागार में निरुद्ध हैं, उनकी समीक्षा कर उनके वादों के शीघ्र निस्तारण के लिए संबंधित न्यायालयों से पत्राचार सुनिश्चित किया जाए।

महिला बैरक का जायजा लेने के दौरान जिलाधिकारी द्वारा महिला बंदियों को स्वरोजगारपरक प्रशिक्षण दिलाए जाने तथा उनके द्वारा निर्मित उत्पादों को विभिन्न प्रदर्शनियों में भेजकर विक्रय किए जाने के निर्देश दिए गए।

इस दौरान जेल अधीक्षक डॉ. बीडी पाण्डेय, कारागार चिकित्साधिकारी समीर नारायण सिंह, प्रभाकर त्रिपाठी, जेलर मनीष कुमार, डिप्टी जेलर अरूण कुमार सिंह, प्रदीप कुमार सिंह, राजेन्द्र कुमार मिश्र, राजीव कुमार, मौसमी राय एवं प्रेम नारायण उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप

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