रबी फसलों की उत्पादकता बढ़ाने को आधुनिक तकनीक प्रयोग के निर्देश
कानपुर, 31 दिसम्बर (हि.स.)। रबी में केंद्र के प्रक्षेत्रों पर बीजोत्पादन भली-भांति तथा किसानों के प्रक्षेत्रों पर कराए जाने वाले परीक्षण व प्रदर्शनों को समय से नवीन तकनीकों के साथ हों। जिससे जनपद के किसानों के बीच तकनीकी प्रचार-प्रसार बड़े क्षेत्रफल में प्रभावी ढंग से हो सके तथा जनपद की मुख्य फसलों की उत्पादकता को बढ़ाया जा सके। इसके अलावा प्रत्येक वैज्ञानिक कम से कम केंद्र पर एक इकाई की स्थापना अवश्य करें। जो किसानों के लिए उपयोगी हो तथा उनको लाभप्रद भी बनाए। यह निर्देश बुधवार निदेशक प्रसार डॉ. आर के यादव ने दिए।
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) की प्रसार निदेशालय में बुधवार को विश्वविद्यालय के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्रों की गहन समीक्षा बैठक हुई। निदेशक ने सभी कृषि विज्ञान केंद्रों के अध्यक्षों एवं सम्बंधित वैज्ञानिकों को सख्त निर्देश दिए कि केंद्रों पर चलने वाले फसल अवशेष प्रबंधन, निकरा, एससीएसपी तथा आरकेबीवाई जैसी परियोजनाएं केंद्र सरकार द्वारा संचालित हैं। उनके कार्यों को समय से क्रियान्वित किया जाए। इन सभी कार्यों में किसी भी प्रकार की शिथिलता के लिए सम्बंधित अध्यक्ष व वैज्ञानिक जिम्मेदार होंगे।
विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉक्टर खलील खान ने बताया कि निदेशक प्रसार ने बैठक में केंद्रों की साफ-सफाई तथा केंद्रों पर कृषि यंत्रों व स्थाई सामग्रियों की अद्यतन स्थिति से अवगत कराने के लिए निर्देशित किया है। बैठक में डॉक्टर पी के राठी, डॉ. वीके कनौजिया, डॉक्टर विनोद प्रकाश, डॉ. भूपेंद्र कुमार सिंह, डॉ. एस के विश्वकर्मा, एवं डॉ. एम के सिंह सहित समस्त केंद्रों के अध्यक्ष एवं वैज्ञानिक उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप

