समस्या का समाधान है नवाचार : कुलपति शमशेर

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समस्या का समाधान है नवाचार : कुलपति शमशेर


कानपुर, 22 दिसंबर (हि.स.)। नवाचार का तात्पर्य किसी कठिन मशीन का आविष्कार नहीं है बल्कि समस्याओं को पहचान कर उनके निवारण का उपाय खोजना है। वस्तुत: आप जैसा सोचते हैं वैसे ही आप बन जाते हैं। यदि आप बड़ा उद्देश्य निर्धारित करते हैं तो आपको उसके अनुसार प्रतिफल मिलता है। आपको हर पल कुछ नया सोचना व करना है। अपनी गलतियों से सीखना है। सफलता एकाएक नहीं मिलती। एक बात और याद रहे कि नैतिकता के बिना ज्ञान समाज के लिए घातक हो सकता है। यह बातें सोमवार काे हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी के कुलपति शमशेर ने कही।

श्रीनिवास रामानुजन जयंती के अवसर पर ओंकारेश्वर सरस्वती विद्या निकेतन इंटर कॉलेज जवाहर नगर में एंपावरिंग यूथ फॉर इन्नोवेशन विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी के कुलपति शमशेर मौजूद रहे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि इस प्रकार के छोटे-छोटे माॅडल नवीन विचारों एवं चिंतन से ओतप्रोत होते हैं। इससे वर्तमान पीढ़ी की सोच का तो पता चलता ही है साथ ही भविष्य के सुदृढ़ भारत की आशा भी बलवती होती है।

विद्यालय के छात्र उत्कर्ष सिंह, नमन सिंह एवं दिव्य गुप्ता ने स्मार्ट डस्टबिन बनाया जो कूड़ा डालने के समय स्वत: खुलेगा एवं बंद होगा। साथ ही पूरा भर जाने पर अपनी स्थिति के साथ लोकेशन नगर निगम को भेजने में सक्षम है। इसी प्रकार स्वरित तिवारी एवं यश द्विवेदी ने एल्गी (काई) से बायोडीजल बनाने के लिए एल्गर बायोडीजल संयंत्र तैयार किया। हर्षित पटेल ने ग्रीन साइकिल सेंटिनल 'सूर्यमित्रम बनाया जो ऐप की सहायता से घरों से कूड़ा एकत्रित करके सेपरेशन यूनिट में पहुंचाएगा। वहां गीला-सूखा कूड़ा एवं धातु अलग करके कचरे को फर्नेंस में हाई टेंपरेचर पर जलाकर विद्युत उत्पादन करेगा। कूड़े के जलने पर जो धुआं उत्पन्न होगा उसे कार्बन एनोड की मदद से कार्बन को अलग करेगा एवं किसी प्रकार का लीकेज होने पर ‘एयर प्यूरीफायर’ वर्कर्स पर माइक्रो प्लास्टिक आदि के दुष्प्रभाव को रोकेगा।

छात्र कार्तिकेय जायसवाल ने वूमेन सेफ्टी हेतु पैनिक बटन एवं शाॅक गन तैयार की। इसके साथ ही रेगिस्तान में पानी की कमी की पूर्ति के लिए वातावरण की नमी से पानी बनाने के लिए संयंत्र तैयार किया। इसी प्रकार कक्षा सप्तम् के छात्र इशान वर्मा ने 3डी आकृति (नेट), मानस बाजपेयी ने ड्रोन, समर्थ पांडेय एवं यशवर्धन ने सम-विषम संख्या जानने के लिए मॉडल तैयार किया। आर्यन द्विवेदी ने ‘कंसंट्रेशन कैंप’ मॉडल तैयार किया, जिसमें हिटलर नॉन जर्मन को ले जाकर डालता था। हिमांशु मिश्रा ने इलेक्ट्रिक जनरेटर शू तैयार किया। मानवेंद्र अवस्थी ने वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट तैयार किया। इस प्रकार से अनेक छात्राओं ने स्थिर और क्रियाकारी मॉडल तैयार किये।

इस अवसर पर ओंकारेश्वर ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस के वरिष्ठ संरक्षक डॉ. अंगद सिंह एवं प्रबंध निदेशक डॉ. पूजा अवस्थी ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट किया। विद्यालय के प्रधानाचार्य राममिलन सिंह ने अतिथियों का परिचय कराते हुए स्वागत किया।

हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप

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