आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्रों की एकजुटता छात्रों के सर्वांगीण विकास की मिसाल : प्रो. मणींद्र अग्रवाल
-1986 बैच ने अपनी 40वीं वर्षगांठ पर आईआईटी काे ग्यारह करोड़ की सामूहिक वित्तीय मदद की
कानपुर, 21 दिसंबर (हि.स.)। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (आईआईटी) ने हमारे व्यक्तित्व और जीवन को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मुझे अपने बैच के साथियों पर अत्यंत गर्व है कि वे ऐसी पहलों के समर्थन के लिए एकजुट हुए हैं, जो सीधे तौर पर छात्रों के शैक्षणिक, सांस्कृतिक और भावनात्मक कल्याण को प्रभावित करेंगी। यह सामूहिक प्रतिबद्धता जिम्मेदारी और कृतज्ञता की उस भावना को दर्शाती है, जिसे आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र जीवनभर साथ रखते हैं।
यह बातें रविवार को आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने कही। इस अवसर पर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (आईआईटी) के 1986 बैच ने अपनी 40वीं वर्षगांठ के अवसर पर संस्थान के कैंपस में तीन प्रमुख विरासत परियोजनाओं के समर्थन हेतु ग्यारह करोड़ की सामूहिक वित्तीय प्रतिबद्धता की घोषणा की। यह पुनर्मिलन समारोह 18 से 21 दिसंबर तक आयोजित किया गया, जिसमें दुनिया भर से आए पूर्व छात्र अपनी मातृसंस्था से पुनः जुड़ने, चार दशकों की साझा यात्रा का उत्सव मनाने और आईआई कानपुर के भविष्य में सार्थक योगदान देने के लिए एकत्र हुए।
घोषित राशि को कैंपस में छात्र जीवन, मानसिक स्वास्थ्य और सामुदायिक सहभागिता से जुड़ी तीन बैच विरासत पहलों के लिए उपयोग किया जाएगा। इनमें एसएसी एक्सटेंशन ऑडिटोरियम, मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र, तथा नए छात्रावास में एक टावर का निर्माण शामिल है। ये सभी परियोजनाएं मिलकर छात्र अनुभव को बेहतर बनाने, संस्थागत बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने और एक सहयोगी एवं संवेदनशील कैंपस वातावरण विकसित करने के प्रति बैच की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।
इस योगदान की सराहना करते हुए प्रो अमेय करकरे डीन, संसाधन एवं पूर्व छात्र आईआईटी कानपुर ने कहा कि 1986 बैच ने पूर्व छात्र नेतृत्व और सामूहिक परोपकार का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है। ग्यारह करोड़ की उनकी उदार प्रतिबद्धता कैंपस में छात्र-केंद्रित बुनियादी ढांचे और कल्याण पहलों को महत्वपूर्ण रूप से सशक्त करेगी। इस प्रकार के विरासत उपहार न केवल संस्थान के विकास को गति देते हैं, बल्कि आईआई कानपुर और उसके पूर्व छात्रों के बीच गहरे और स्थायी संबंधों को भी मजबूत करते हैं। हम 1986 बैच के दूरदर्शी दृष्टिकोण, उदारता और निरंतर जुड़ाव के लिए हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप

