हिंदुत्व के विचारों से गूंजा रामलीला मैदान, सशक्त समाज और राष्ट्र निर्माण का लिया गया संकल्प
मीरजापुर, 29 दिसम्बर (हि.स.)। चुनार नगर के रामलीला मैदान में सोमवार को सकल हिंदू समाज की ओर से भव्य हिंदू सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुई। सम्मेलन में बड़ी संख्या में नगरवासी, सामाजिक कार्यकर्ता और संघ से जुड़े पदाधिकारी उपस्थित रहे। सम्मेलन के मुख्य वक्ता कमलेश ने कहा कि समाज को बचाने और सुदृढ़ बनाने के लिए हिंदुत्व का कार्य आज के समय में अत्यंत प्रासंगिक है।
उन्होंने पर्यावरण संरक्षण और स्वदेशी अपनाने पर जोर देते हुए कहा कि यही जीवन को सफल बनाने का मार्ग है। उन्होंने कहा कि जीवन के चार मूल लक्ष्य शिक्षा, स्वास्थ्य, सबका साथ और सबका विकास पर कार्य करना आवश्यक है। वर्तमान समय में बच्चों को संस्कार देने के बजाय स्वच्छंदता दी जा रही है, जिससे सामाजिक गिरावट देखने को मिल रही है। एक सबल और सशक्त राष्ट्र ही हिंदू समाज के लिए श्रेयस्कर है। इसके लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा।
ज्योतिषाचार्य पं. बृजेश चतुर्वेदी ने कहा कि भारतीय संस्कृति वैज्ञानिक सोच से जुड़ी हुई है। विज्ञान के आधुनिक आविष्कारों से बहुत पहले हमारे ऋषि-मुनियों ने ज्योतिष और अन्य विद्याओं के माध्यम से व्यवस्थाओं को स्पष्ट किया था। सनातन संस्कृति की मूल भावना ‘सर्वे भवंतु सुखिनः’ रही है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विंध्याचल विभाग के सह कार्यवाह रामबालक ने कहा कि यह वर्ष ऐतिहासिक है, क्योंकि वंदे मातरम के 150 वर्ष और संघ के 100 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि हिंदू कोई जाति या समूह नहीं, बल्कि हिमालय से समुद्र तक फैली सांस्कृतिक पहचान है। कार्यक्रम की अध्यक्षता संजय साहू ने तथा संचालन श्यामधर चतुर्वेदी ने किया। इस अवसर पर नगर व जिला स्तर के कई पदाधिकारी, संघ कार्यकर्ता और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा

