लोक-संस्कृति और भक्ति का संगम, देशज दिवस ने बांधा समां
मीरजापुर, 21 दिसंबर (हि.स.)। चुनार नगर के रामबाग स्थित सुरभि शोध संस्थान में रविवार को आठ दिवसीय देशज दिवस कार्यक्रम का भव्य शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत श्री राधाकृष्ण बनवासी छात्रावास में अध्ययनरत अरुणाचल प्रदेश के छात्र-छात्राओं की भावपूर्ण वंदना से हुई, जिसने पूरे वातावरण को आध्यात्मिक रंग में रंग दिया।
इसके बाद निकुंज कामरा और आरुषि गंभीर की सुमधुर प्रस्तुतियों ने श्रोताओं को भक्ति रस में सराबोर कर दिया। “जहां ले चलोगे वहीं मैं चलूंगा”, “मेरे रोम-रोम में रम जाओ घनश्याम”, “मैं तुझसे क्या मांगू”, “ये जीवन है तेरे हवाले मुरलिया वाले” जैसे एक से बढ़कर एक भजनों पर पूरा परिसर भक्तिमय हो उठा और श्रोता देर तक तालियों से कलाकारों का उत्साह बढ़ाते रहे।
सुरभि शोध संस्थान के प्रभारी अमित चतुर्वेदी ने बताया कि संस्थान बीते 36 वर्षों से गो-रक्षा आधारित स्थानीय लोक शिक्षण एवं विधिक सेवा प्रक्रमों पर निरंतर कार्य कर रहा है। इसके माध्यम से विशेषकर ग्रामीण एवं वनवासी समाज को रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा और चिकित्सा जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने में सहयोग किया जा रहा है। वर्तमान में संस्थान लगभग 750 जनजातीय छात्र-छात्राओं को छात्रावास में रखकर न केवल नियमित शिक्षा दे रहा है, बल्कि उनके सर्वांगीण विकास के जरिए उन्हें राष्ट्र की मुख्य धारा से जोड़ रहा है।
उन्होंने बताया कि जनजातीय परंपराओं को ध्यान में रखते हुए 15 दिसंबर से 15 जनवरी तक उत्पत्ति दिवस मनाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत 21 दिसंबर से 28 दिसंबर तक देशज दिवस का आयोजन किया गया है। इस आठ दिवसीय आयोजन में प्रतिदिन विविध सांस्कृतिक और शैक्षणिक कार्यक्रम होंगे।
कार्यक्रम में आकाश मोदी, रमेश केजरीवाल, राजकुमार केजरीवाल, आनंद केजरीवाल, पवन अग्रवाल, प्यारे कृष्ण अग्रवाल, गोपाल तुलस्यान, दीपक सिंह सहित संस्थान के सभी छात्र-छात्राएं व गणमान्य लोग उपस्थित रहे। देशज संस्कृति और भक्ति संगीत के संगम ने पहले ही दिन आयोजन को यादगार बना दिया।
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हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा

