किसानों की मुश्किलें बढ़ीं , कोहरे से आलू व सरसों की फसलों में रोग का खतरा

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किसानों की मुश्किलें बढ़ीं , कोहरे से आलू व सरसों की फसलों में रोग का खतरा


-गिर रहे तापमान से आलू में झुलसा, सरसों में माहू रोग लगने के आसार प्रवल

फर्रुखाबाद, 18 दिसंबर (हि.स.) । उत्तर प्रदेश में पिछले कई दिन से पड़ रहे कोहरा और गिर रहे तापमान से फर्रुखाबाद के किसानों की आलू व सरसों की फसल के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। खेतों में खड़ी आलू व सरसों की फसल में नमी दौड़ने से फफूंदी जनित रोग लग सकते हैं।

जिला कृषि अधिकारी बीके सिंह ने बताया की आलू की अगेती और पिछाई दोनों फसलों के लिए यह मौसम बहुत ही हानिकारक है ।इससे आलू की बेल में हल्के फफूंदी की तरह चकत्ते पड़ जाती है। इस रोग के लगने से आलू की बेल को पूरी तरह से जल कर नष्ट हो जाती है। जिससे पैदावार घट कर ना के बराबर रह जाती है । ऐसे में आलू किसानों को अपनी फसल बचाने के लिए खेतों के आसपास धुआं करते रहना चाहिए और डाइथेन एम नामक दवा का छिड़काव करना चाहिए। किसान इस समय झुलसा से बचाव करने वाली दवाइयां का छिड़काव करना ना भूले , अन्यथा उनकी आलू की फसल में झुलसा लग जाएगा और झुलसा के लग जाने के बाद इस रोग का खत्म करना बहुत मुश्किल हो जाता है।

जिला कृषि अधिकारी ने आगे बताया कि आलू किसान मंदी की वजह से वैसे भी परेशान हैं । इसके बाद अब वह कुदरत की मार झेलने को मजबूर है । किसानों को चाहिए कि वह अपनी आलू की फसल को बचाने के लिए दवा का छिड़काव करें । यदि आलू में झुलसा नजर नहीं आता है तो भी यह छिड़काव अवश्य करें। इसी प्रकार कोहरा से सरसों में माहू रोग लग जाता है और यह सरसों के फूल को ही नष्ट कर देता है। इस कीट से सरसों को बचाने के लिए दवा का छिड़काव करें और जहां तक हो खेतों के आसपास धुआं करके नमी से बचाव करें ।

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हिन्दुस्थान समाचार / Chandrapal Singh Sengar

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