सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय में कार्यपरिषद की बैठक, सदस्यों ने दिया महत्वपूर्ण निर्णय
वाराणसी,18 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा की अध्यक्षता में गुरूवार को परिसर स्थित योग साधना केन्द्र में कार्यपरिषद की महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में कार्यपरिषद के सदस्यों ने विभिन्न मामलों में महत्वपूर्ण निर्णय दिया। इसमें उच्च न्यायालय के निर्णय के आधार डॉ. रानी द्विवेदी को सहायक आचार्य, भाषा विज्ञान (हिस्टारिकल) पद पर नियुक्ति दी गई।
बैठक में विश्वविद्यालय से संबंध प्राचार्य और प्रधानाचार्य की नियुक्ति को लेकर नियमों के तहत विमर्श हुआ। नियुक्ति की सुचिता बनाने के लिए कार्यपरिषद ने अधिनियम/परिनियम में विधिक रूप से बदलाव या संशोधन करने की बात कही। भविष्य में किसी स्नातकोत्तर स्तर के महाविद्यालय में कम से कम 05 वर्षों का अध्यापन अनुभव, वेतन,मानदेय,पारिश्रमिक का भुगतान बैंक के माध्यम से होने पर नियुक्ति करने की बात की गई। पूर्व में कार्य परिषद से पारित आदेश पुष्ट करते हुए संस्कृत महाविद्यालयों के अध्यापकों,प्रधानाचार्य,प्राचार्यो की नियुक्तियों में कार्यपरिषद ने शुचिता, गोपनीयता एवं पारदर्शिता के दृष्टिगत चयन के लिए सम्पूर्ण भारत के विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों के विशिष्ट विषय विशेषज्ञ नामित किए जाने पर सहमति दी। कार्यपरिषद ने व्याकरण विभाग के सहायक आचार्य डॉ ज्ञानेन्द्र सांपकोटा तथा वेद विभाग के सहायक आचार्य डॉ विजय कुमार शर्मा को कैरियर एडवांसमेंट स्कीम के अन्तर्गत वरिष्ठ वेतनमान देने पर सहमति बनी। बैठक में कार्य समिति के सदस्य न्यायमूर्ति अनिरुद्ध सिंह, राज्यपाल के ओएसडी डॉ पंकज एल जानी, केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के कुलपति प्रो श्रीनिवास बरखेड़ी ने आभासी माध्यम से,कुलसचिव राकेश कुमार, वित्त अधिकारी हरिशंकर मिश्र,प्रो रमेश प्रसाद, प्रो विधु द्विवेदी, प्रो राजनाथ, प्रो शंभूनाथ शुक्ल,प्रो महेन्द्र पांडेय, प्रो विद्या कुमारी चंद्रा,प्रो अमित कुमार शुक्ल, डॉ विशाखा शुक्ला आदि की उपस्थिति रही।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

