विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का विरोध करेंगे अभियंता, प्रबंधन पर लगाया गुमराह करने का आरोप
लखनऊ, 27 नवंबर (हि.स.)। उ0प्र0 राज्य विद्युत परिषद अभियन्ता संघ की केन्द्रीय कार्यकारिणी ने वाराणसी व आगरा विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण के विरोध में निर्णायक संघर्ष का निर्णय लिया। घाटे के नाम पर निजीकरण करने के पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन के प्रचार को गुमराह करने वाला बताते हुए अभियन्ता संघ ने कहा कि विद्युत अभियन्ता सुधार हेतु प्रबन्धन के साथ सदैव पूरा सहयोग करने को तैयार हैं, किन्तु अभियन्ता संघ निजीकरण के किसी स्वरूप को स्वीकार नहीं करेगा।
सेवा शर्तों के बारे में पॉवर कारपोरेशन के वक्तव्य को भ्रामक बताते हुए अभियन्ता संघ ने कहा कि आगरा डिस्कॉम में 10411 और वाराणसी में 17189 कर्मचारी कार्य कर रहे हैं। इन निगमों का निजीकरण होते ही कुल 27600 कर्मचारी सरप्लस हो जायेंगे जिन्हें छटनी का सामना करना होगा। अभियन्ता संवर्ग के इन दोनों निगमों में 1523 पद समाप्त होंगे। अतः 1523 सहायक अभियन्ताओं की नौकरी जायेगी। 7 मुख्य अभियन्ता स्तर-1, 33 मुख्य अभियन्ता स्तर-2, 144 अधीक्षण अभियन्ता और 507 अधिशासी अभियन्ता के पद समाप्त होने से इन अभियन्ताओं की पदावनति होगी। इलेक्ट्रीसिटी एक्ट-2003 की धारा 133(2) में यह प्राविधान है कि भविष्य में कभी भी किसी भी अन्तरण स्कीम द्वारा अभियन्ताओं की सेवा-शर्तें कमतर नहीं की जा सकती। निजीकरण का यह प्रस्ताव अभियन्ताओं की सेवा-शर्तें पूरी तरह से कम कर रहा है जो इलेक्ट्रिसिटी एक्ट-2003 का सीधा उल्लंघन है और किसी भी प्रकार से स्वीकार्य नहीं है।
उ0प्र0 राज्य विद्युत परिषद अभियन्ता संघ की केन्द्रीय कार्यकारिणी ने पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन पर घाटे के नाम पर गलत आंकड़े देकर गुमराह करने का आरोप लगाते हुए संकल्प व्यक्त किया है कि विद्युत अभियन्ता निजीकरण के किसी भी स्वरूप को कदापि स्वीकार नहीं करेगें और प्रदेश की विद्युत वितरण व्यवस्था निजी हाथों में सौंपने की प्रबन्धन की कोशिश का समस्त लोकतांत्रिक कदम उठाते हुए पुरजोर विरोध करेंगे। अभियन्ता संघ ने विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के साथ निजीकरण के विरोध में निर्णायक संघर्ष करने का संकल्प व्यक्त किया और इस हेतु प्रदेश के समस्त अभियन्ताओं से तैयार रहने का आह्वान किया है।
केन्द्रीय कार्यकारिणी की बुधवार को हुई बैठक में वाराणसी, गोरखपुर, अयोध्या, प्रयागराज, मेरठ, सहारनपुर, गाजियाबाद, आगरा, बरेली, आजमगढ़, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, नोएडा, अलीगढ़, अनपरा, ओबरा, हरदुआगंज, बांदा, कानपुर, झांसी, सीतापुर आदि क्षेत्रों एवं परियोजनाओं से सैकड़ों की संख्या में पदाधिकारी व सदस्य उपस्थित हुए।
हिन्दुस्थान समाचार / उपेन्द्र नाथ राय
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