जिलाधिकारी को सीएमओ कार्यालय के निरीक्षण में कई स्टाफ गैरहाजिर मिले, हर जगह दिखी बदहाल व्यवस्था
-गैरहाजिर मिले स्टाफ का एक दिन का वेतन काटने के दिए निर्देश
-सीएमओ कार्यालय में ही अनियमितता की भरमार
-लेखाकार मनीष कुमार को जारी हाेगा चेतावनी पत्र
सीतापुर, 15 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के जनपद सीतापुर की ध्वस्त होती स्वास्थ्य सेवाओं को पटरी पर लाने के लिए जिलाधिकारी डॉ. राजागणपति आर. लगातार एक्शन में नजर आ रहे हैं। इसी क्रम में सोमवार को उन्होंने जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय, खैराबाद का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली में गंभीर लापरवाही, अव्यवस्था और जिम्मेदारी से बचने का रवैया सामने आया, जिस पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी जताई।
जिलाधिकारी डॉ. राजागणपति आर ने कार्यालय के डाक डिस्पैच कक्ष, राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन कक्ष, नोडल अधिकारी कक्ष, जिला सर्विलांस कक्ष, लेखा अनुभाग, उप मुख्य चिकित्साधिकारी कक्ष, प्रशासनिक अधिकारी कक्ष एवं मेडिकल अनुभाग का बारीकी से निरीक्षण किया। डाक डिस्पैच कक्ष में रजिस्टरों में भारी त्रुटियां पाई गईं, जिस पर तत्काल सुधार के निर्देश दिए गए। निरीक्षण के समय लिपिक कमल हसन अनुपस्थित पाए गए, जिनका एक दिन का वेतन काटने के आदेश दिए गए।
राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन कक्ष में नोडल अधिकारी डॉ. विकास भी गैरहाजिर मिले। इस पर डीएम ने उनका एक दिन का वेतन काटने के साथ स्पष्टीकरण तलब करने के निर्देश सीएमओ को दिए। साथ ही संबंधित अधिकारियों को सप्ताह में कम से कम एक दिन सीएमओ कार्यालय में अनिवार्य रूप से बैठने के निर्देश दिए गए।
मेडिकल अनुभाग के निरीक्षण में यह तथ्य सामने आया कि कई चिकित्सक मुख्यालय छोड़कर बाहर निवास कर रहे हैं। इस पर डीएम ने सख्त रुख अपनाते हुए सीएमओ को सभी चिकित्सकों के लिए मुख्यालय पर निवास अनिवार्य करने का कार्यालय आदेश जारी करने के निर्देश दिए। आदेश की अवहेलना करने वालों के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई।
आईजीआरएस पर प्राप्त शिकायतों के निस्तारण की स्थिति भी संतोषजनक नहीं पाई गई। वहीं लेखा अनुभाग में कैश बुक रजिस्टर में गंभीर त्रुटियां मिलने पर जिलाधिकारी ने स्वयं सीएमओ को नियमित निरीक्षण करने के निर्देश दिए और लेखाकार मनीष कुमार को चेतावनी पत्र जारी करने के आदेश दिए।
गौरतलब है कि डीएम डॉ. राजागणपति आर. लगातार सीएचसी, पीएचसी, एएनएम सेंटर सहित स्वास्थ्य इकाइयों का औचक निरीक्षण कर रहे हैं। हर निरीक्षण में भारी अनियमितताएं उजागर हो रही हैं, जिस पर कहीं वेतन कटौती, कहीं नोटिस और कहीं सुधार के निर्देश दिए जा रहे हैं। पूरे जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था का संचालन करने वाले सीएमओ कार्यालय में इतनी खामियां मिलना स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े करता है। डीएम की सख्ती से यह साफ हो गया है कि लापरवाही और मनमानी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / Mahesh Sharma

