26वीं पुण्यतिथि पर याद किए गए काशीराज डॉ विभूतिनारायण सिंह
—रामघाट सांगवेद विद्यालय में स्मृति सभा का आयोजन
वाराणसी,19 दिसंबर (हि.स.)। पूर्व काशीनरेश डॉ विभूतिनारायण सिंह की २६वीं पुण्यतिथि शुक्रवार शाम को रामघाट स्थित सांगवेद विद्यालय में मनाई गई। इस अवसर पर आयोजित स्मृति सभा में उनके योगदान और व्यक्तित्व को नमन कर श्रद्धासुमन अर्पित किया गया।
इस अवसर पर स्मृति सभा में विद्यालय के अध्यक्ष विश्वेश्वर शास्त्री द्राविड़ ने कहा कि काशीराज वेदों की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहे। वेदों का संरक्षण एवं वैदिकों का संरक्षण होता रहे इसके लिए वे आजीवन प्रयासरत थे। विश्वेश्वर शास्त्री ने कहा कि इस विद्यालय के प्रति उनका विशेष स्नेह आजीवन बना रहा। काशीनरेश से काशी प्रकाशित होती थी। वे एक जनप्रिय शासक थे। श्री काशी विश्वनाथ के प्रतिनिधि काशी नरेश आदर्श नरेश थे । उनका चरित्र अनुकरणीय था। काशी नरेश अंतिम समय तक अपनी बात से कभी डिगे नहीं। पंडित पांडुरंग पुराणिक ने कहा कि ब्राह्मणों के प्रति,वेद के प्रति और संस्कृति और संस्कारों के प्रति उनका विशेष ध्यान रहता था । वे महान व्यक्तित्व के थे उनका आदर्श व्यक्तित्व हम सबके लिए अनुकरणीय है। सभा की अध्यक्षता करते हुए पंडित दिनेश रामनाथ जोशी ने कहा कि काशीराज अभिशिक्त राजा थे। जिन्होंने जीवन भर पूर्णत: अपने राजधर्म का पालन किया। प्रत्येक परिस्थिति का वे धर्म के अनुसार पालन करते थे। वे एक सच्चरित्र राजा थे, इसलिए जनता में लोकप्रिय थे। उनका प्रभाव ऐसा था कि जनता उनको देखते ही स्वत:स्फूर्त हर —हर महादेव का जय घोष करती थी ।
सभा में पं अरुण दीक्षित, चक्रवर्ती विजय नावड, तरुण पाण्डेय, जीतेंद्र द्विवेदी , वेंकटेश्वर द्राविड़ आदि भी मौजूद रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

