सीडब्ल्यूसी ने फिनायल पीने वाली बाल गृह की बालिका का लिया संज्ञान

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सीडब्ल्यूसी ने फिनायल पीने वाली बाल गृह की बालिका का लिया संज्ञान


कानपुर, 23 दिसंबर (हि.स.)। नवाबगंज स्थित राजकीय बाल गृह बालिका में फिनायल पीकर आत्महत्या का प्रयास करने वाली बालिका का बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) न्यायपीठ ने संज्ञान लिया है। मंगलवार को मजिस्ट्रेट देवेन्द्र प्रताप सिंह ने एलएलआर अस्पताल (हैलट) के बाल रोग विभाग में भर्ती बच्ची का हालचाल जाना। इसके साथ डॉ. यशवंत राव व उनकी टीम को बच्ची के बेहतर इलाज के लिए निर्देशित किया गया।

हैलट अस्पताल में भर्ती बालिका को देखने के लिए मंगलवार को सीडब्ल्यूसी न्यायपीठ के मजिस्ट्रेट देवेन्द्र प्रताप सिंह अस्पताल पहुंचे। उन्होंने डॉ यशवंत राव से मुलाकात की और बालिका के स्वास्थ सबंधी हालचाल भी जाना। डॉ यशवंत राव ने बताया कि बच्ची की तबीयत खतरे से बाहर है। एंडोस्कोपी जांच के बाद रिपोर्ट सही आने पर पीड़िता को दो दिनों बाद डिस्चार्ज कर दिया जायेगा। मजिस्ट्रेट देवेन्द्र प्रताप सिंह ने बालिका से मुलाकात कर बालिका ने बताया कि उसके पिता और माता अठ्ठारह महीनों में जेल में बंद हैं। कोई भाई बहन न होने के कारण वह उनको बहुत याद करती है और काफी दिनों से मुलाकात न होने पर अवसादग्रस्त हो गई जिसकी वजह से उसने आत्महत्या का प्रयास करते हुए हानिकारक रसायन फिनायल पी लिया था।

आगे उन्होंने बताया कि एक दिन पहले उसने ब्लेड से बाएं हाथ पर कई जगह काट भी लिया था। डॉक्टर्स और बाल कल्याण समिति से मिलने के बाद अब वह खुद को सामान्य महसूस कर रही है। देवेन्द्र प्रताप सिंह ने बालरोग विभाग के त्वरित इलाज की सराहना की तथा बालिका गृह में नियमित रुप से बालिकाओं की काउंसलिंग की आवश्यकता पर जोर दिया। इस दाैरान आरोग्य दर्पण के सीइओ राम प्रकाश वर्मा व रेजिडेंट डॉक्टर उपस्थित रहे।

बताते चलें कि पीड़िता के पिता कन्नौज जेल में और मां लखनऊ जेल में बंद हैं। बालिका दोनों से मिलना चाहती है जिसकी वजह से वो अवसाद में है। देवेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि बाल गृह की अधीक्षिका को बालिका से उसकी मां को मिलवाने के लिए आदेशित किया जायेगा।

हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप

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