पाठशाला या पशुशाला? माॅडल गांव के स्कूल में मवेशियों का डेरा
मीरजापुर, 20 दिसंबर (हि.स.)। जिगना क्षेत्र के माॅडल गांव नरोइयां के नक्कूपुर मजरा स्थित प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाई से ज्यादा मवेशियों की मौजूदगी चर्चा का विषय बनी हुई है। विद्यालय परिसर में जहां बच्चों की किलकारियां गूंजनी चाहिए, वहां मवेशी बंधे नजर आते हैं और ईंधन व उपलों के ढेर लगे हैं। अधूरी पड़ी चहारदीवारी के चलते स्कूल का माहौल पूरी तरह प्रभावित हो रहा है।
प्रधानाध्यापक दिनेश कुमार पांडेय ने बताया कि विद्यालय में 123 बच्चों का नामांकन है, लेकिन चहारदीवारी न होने से छुट्टा पशु रोज परिसर में घुस आते हैं। आसपास के लोग खूंटे गाड़कर मवेशी बांध देते हैं, जिससे स्कूल किसी पशुशाला जैसा नजर आने लगा है। मना करने पर पशुपालक विवाद पर उतर आते हैं। कई बार मवेशियों के हमले में बच्चे घायल भी हो चुके हैं, जिससे अभिभावकों में डर बना हुआ है।
ग्राम प्रधान अशोक कुमार बिंद का कहना है कि ग्राम निधि में धन उपलब्ध होते ही चहारदीवारी का निर्माण कराया जाएगा, लेकिन फिलहाल बजट की कमी आड़े आ रही है। वहीं ग्रामीण मिलन, जमुना, हरषू और पंधारी ने सवाल उठाया कि जब माडल गांव के स्कूल की यह स्थिति है तो अन्य गांवों का हाल क्या होगा। अभिभावकों ने जिलाधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी से हस्तक्षेप कर बच्चों को सुरक्षित माहौल दिलाने की मांग की है।
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हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा

