कैशलेस उपचार योजना–2025 से खत्म होगी इलाज में देरी : जिलाधिकारी
कानपुर, 26 दिसम्बर (हि.स.)। सड़क दुर्घटनाओं में अक्सर यह देखा जाता है कि घायल को अस्पताल लाने के बाद इलाज शुरू करने से पहले धनराशि, पहचान या औपचारिकताओं की बात की जाती है, जिससे कीमती समय नष्ट होता है और कई बार जान तक चली जाती है। इसी प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए भारत सरकार ने कैशलेस उपचार योजना–2025 को अधिसूचित किया है, जिसे अब जिले में सख्ती से लागू किया जाएगा। यह जानकारी शुक्रवार को जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने दी।
किसी भी घायल को अस्पताल पहुंचाने वाले राहगीर, परिचित या परिजन से इलाज के नाम पर किसी प्रकार की धनराशि नहीं ली जाएगी। इस आदेश से लोगों में घायल को तत्काल अस्पताल पहुंचाने का भरोसा बढ़ेगा और डर या झिझक के कारण मदद से पीछे हटने की मानसिकता टूटेगी। सड़क हादसे में घायल को अस्पताल के दरवाजे पर तड़पने नहीं दिया जाएगा। इलाज के नाम पर अब न आनाकानी चलेगी, न पैसों का बहाना।
डीएम ने जनपद के सभी नर्सिंग होम और निजी चिकित्सालयों को स्पष्ट आदेश जारी करते हुए कहा है कि सड़क दुर्घटना में लाए गए किसी भी घायल को इलाज से मना नहीं किया जाएगा और न ही उसे अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति से एक रुपये की मांग की जा सकेगी।
आदेश के अनुसार मोटर वाहन से हुई सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को दुर्घटना की तारीख से सात दिनों तक अधिकतम एक लाख पचास हजार रुपये तक का इलाज पूरी तरह कैशलेस दिया जाएगा। इस इलाज का खर्च अस्पताल को मोटर वाहन दुर्घटना निधि से मिलेगा, जिसका भुगतान केंद्र सरकार द्वारा किया जाएगा।
आगे उन्होंने कहा कि सभी निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम संचालकों को निर्देश दिए हैं कि इस व्यवस्था का अक्षरशः पालन सुनिश्चित किया जाए। किसी भी स्तर पर आदेश की अवहेलना पाए जाने पर संबंधित अस्पताल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा पीड़ित इस मामले से जुड़ी कोई भी शिकायत मुख्य चिकित्सा अधिकारी या जिलाधिकारी से कर सकता है।
हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप

