उप्र का बजट किसानों को किया निराश : अजय राय

उप्र का बजट किसानों को किया निराश : अजय राय
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उप्र का बजट किसानों को किया निराश : अजय राय


लखनऊ, 05 फरवरी (हि.स.)। शब्दों और जुमलों की बाजीगरी करता हुआ यह बजट प्रदेश के युवाओं को भ्रमित, पिछड़ों और दलितों से साथ छलावा, महिलाओं को निराश एवं किसानों को हताश करने वाला है। आलू, प्याज और टमाटर को एमएसपी पर लाने का भाजपा ने वादा किया था। उसका इंतजार आज भी किसान कर रहे हैं, लेकिन सरकार के इस बजट ने भी किसानों को निराश कर दिया है। ये बातें कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कही।

उन्होंने कहा कि किसानों की हितैषी बनती इस सरकार का सच यह है कि उत्तर प्रदेश की कृषक गृह (एग्रीकल्चर हाउसहोल्ड) की औसत मासिक आय 6668 है जो राष्ट्रीय औसत आय 8931 से 35 प्रतिशत कम है। पिछले 5 सालों में गन्ने का राज्य सलाहकार मूल्य सिर्फ 35 रूपये बढ़ाया गया, जबकि इस बीच गन्ने की खेती की लागत कई गुना बढ़ गई। आलू, प्याज और टमाटर को एमएसपी पर लाने का वादा किया गया था जिसका इंतजार प्रदेश के किसान आज भी बेसब्री से कर रहे हैं।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि युवाओं को रोजगार कैसे मिले इसका कोई स्पष्ट रोड मैप इस बजट में नहीं है न सरकार खुद रोजगार दे पा रही है और ना ही निजी क्षेत्र का कोई विस्तार ही हो रहा है सिर्फ स्वरोजगार पर जोर है। स्वरोजगार करने वाले युवाओं को पर्याप्त पूंजी, तकनीक, बाजार कैसे मिलेंगे, इस पर बजट मौन है।

योगी सरकार के झूठ की तरफ इशारा करते हुए श्री राय ने कहा कि विधवा और वृद्धा पेंशन को 1000 रूपये से बढ़ाकर 1500 रूपये करने की बात की गई थी जो आज तक पूरी नहीं हुई। चुनावी राज्यों में 500 रूपये रसोई गैसे सिलेंडर दिया जा रहा है, तो उ0प्र0 में क्यों नहीं? बजट में इसका कोई प्रावधान क्यों नहीं है?

उन्होंने कहा कि प्रदेश में लघु एवं सूक्ष्म उद्योग खस्ताहाल हो गये हैं और बंदी की कगार पर हैं, पूरे बजट में उनके लिए कोई गंभीर नीति नहीं है। बजट में सारा जोर नई योजनाओं की घोषणा पर है। पुरानी योजनाओं का कोई पुरसाहाल नहीं है। इस बार भी 24868 करोड़ की नई योजनाएं घोषित की गई, मगर पिछले बजट में घोषित 32721 करोड़ की योजनाओं का क्या हुआ इस पर कोइ बात नहीं की गई।

श्री राय ने कहा कि पूरा बजट सांकेतिकवाद से भरा पड़ा है। ढेर सारी योजनाएं, दिखाने भर का बजट, सिर्फ लोक लुभावनी बातें। इसका स्पष्ट उदाहरण बजट में असाध्य रोगों के लिए मात्र 125 करोड़ की धनराशि का आवंटन, इतने बडे़ प्रदेश में ऊट के मुंह में जीरे के समान है। दूसरा उदाहरण छुट्टा जानवरों से फसल को बचाने के लिए 12 वोल्ट करंट लगने वाली सौर इलेक्ट्रिक बाड़ लगाने वाली योजना का है जिसके लिए पूर प्रदेश के 75 जिलों के लिए मात्र 50 करोड़ का आवंटन किसानों के साथ मजाक के सिवाय कुछ नहीं है।

श्री राय ने कहा कि कुल मिलाकर यह बजट आर्थिक मानकों पर पूरी तरह से फेल है। यह बजट सिर्फ और सिर्फ निराशा के अलावा कुछ नहीं है।

हिन्दुस्थान समाचार/उपेन्द्र/राजेश

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