उत्तर प्रदेश में गणतंत्र दिवस से पहले चमकेंगे परिषदीय विद्यालय, स्कूल महानिदेशक ने जारी किए निर्देश
- 26 जनवरी 2026 से पूर्व विद्यालयों में साफ-सफाई, गाइड-बायडिंग कार्य तथा मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं को अनिवार्य रूप से सुदृढ़ करने के निर्देश
- जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी करेंगे विद्यालयों की नियमित समीक्षा तथा प्रगति की सतत मॉनिटरिंग: मोनिका रानी
लखनऊ, 30 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में विद्यार्थियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और सुव्यवस्थित शैक्षिक वातावरण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बेसिक शिक्षा विभाग ने सभी जनपदों को निर्देश जारी किए हैं। महानिदेशक, स्कूल शिक्षा मोनिका रानी की ओर से जारी आदेश के अनुसार 26 जनवरी 2026 से पूर्व विद्यालयों में साफ-सफाई, गाइड-बायडिंग कार्य तथा मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं को सुदृढ़ किया जाना अनिवार्य होगा।
निर्देशों के अनुसार गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रत्येक विद्यालय में राष्ट्रीय पर्व को गरिमामय ढंग से मनाने के लिए विद्यालय परिसर को पूरी तरह स्वच्छ एवं सुरक्षित रखा जाए। इसके अंतर्गत विद्यालय भवन, कक्षाएं, कार्यालय कक्ष, बरामदे, शौचालय, पेयजल स्थल, रसोईघर सहित सभी स्थानों की नियमित एवं व्यापक साफ-सफाई सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए हैं। परिसर में फैले कचरे और अपशिष्ट पदार्थों के समुचित निस्तारण पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है।
क्षतिग्रस्त भवनों को दुरुस्त कराने के निर्देश
जिन विद्यालयों में भवन या सुविधाएं क्षतिग्रस्त हैं, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर दुरुस्त कराने के निर्देश दिये गये हैं। विशेष रूप से कार्यशील शौचालय, स्वच्छ पेयजल व्यवस्था तथा आवश्यक मरम्मत कार्य समय से पूर्ण करने के निर्देश हैं, ताकि विद्यार्थियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
ऑपरेशन कायाकल्प के निर्धारित 19 बिंदुओं के शत-प्रतिशत संतृप्तिकरण के निर्देश
महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने ऑपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत निर्धारित 19 बिंदुओं पर मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं के शत-प्रतिशत संतृप्तिकरण के निर्देश भी जारी किए हैं। जिन विद्यालयों में इन बिंदुओं पर कार्य अधूरे हैं, वहां 26 जनवरी 2026 से पूर्व सभी आवश्यक कार्य पूरे कराए जाएंगे।
महानिदेशक स्कूल शिक्षामोनिका रानी ने मंगलवार काे बताया कि जारी किए गए निर्देशों के अनुपालन की निगरानी जनपद स्तर पर होगी। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को विद्यालयों की नियमित समीक्षा तथा प्रगति की सतत मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने को कहा गया है। हमारा उद्देश्य यह है कि विद्यालय केवल पठन-पाठन तक सीमित न रहें, बल्कि स्वच्छता, सुरक्षा और अनुशासन के उदाहरण बनें, ताकि विद्यार्थियों को सुरक्षित, स्वच्छ और अनुकूल शैक्षिक वातावरण मिल सके।
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हिन्दुस्थान समाचार / शिव सिंह

