कृषि नवाचारों के जागरूकता का परिणाम है कि कृषकों की आय में हुई वृद्धि: सतीश महाना
कानपुर,18 अक्टूबर(हि.स.)। कृषि नवाचारों के जागरूकता का परिणाम है कि कृषकों की आय में वृद्धि हुई है। देश के विभिन्न प्रांतों से आए कृषि वैज्ञानिक मृदा, जल की समस्याओं और उनके निराकरण पर चर्चा करेंगे। जिससे खेती बाड़ी और नए आयाम हासिल करेगी। यह बात शुक्रवार को चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के कैलाश भवन प्रेक्षागृह में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के उदघाटन सत्र को संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कही।
उन्होंने कहा कि कृषि वैज्ञानिक मृदा,जल की समस्याओं और उनके निराकरण पर चर्चा करेंगे। जिससे खेती बाड़ी और नए आयाम हासिल करेगी। विश्वविद्यालय के शोध छात्रों से अपील है कि वह अपनी सुविधा अनुसार गांव में किसानों के साथ कृषि तकनीकि पर चर्चा करें, तो निश्चित तौर पर कृषक छात्रों की भावनाओं को समझेंगे। शोध छात्रों से कहा की नई तकनीक से अद्यतन रहे क्योंकि रोज प्रतिदिन नए-नए नवाचार हो रहे हैं। कृषकों के मध्य कृषि नवाचारों के जागरूकता का परिणाम है कि कृषकों की आय में वृद्धि हुई है।
इस मौके पर सीएसए के कुलपति आनंद कुमार सिंह ने कहा कि देश में आईसीएआर के 100 से अधिक संस्थानों ,77 कृषि विश्वविद्यालयों तथा 731 कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से कृषकों को नावों में ऐसी तकनीकी से ओतप्रोत किया जा रहा है। जिससे उनकी आमदनी में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कृषि विविधीकरण, सरकारी नीतियों की जानकारी तथा नई सिंचाई पद्धतियों के अपनाने तथा मृदा क्षरण रोकने जैसे उपायों पर बल दिया। विशिष्ट अतिथि करनाल संस्थान के निदेशक डॉ आरके यादव ने भी संबोधित किया।
उक्त जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ.खलील खान ने बताया कि विश्वविद्यालय के केलाश भवन प्रेक्षागृह में शुक्रवार से शुरू हुए तीन दिवसीय मृदा, जल एवं ऊर्जा प्रबंधन द्वारा सतत कृषि एवं आजीविका सुरक्षा विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन उप्र के विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना एवं अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित करके किया।
इस अवसर पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले वैज्ञानिकों एवं कृषको को सम्मानित भी किया गया।
एससीएसआई के अध्यक्ष डॉक्टर टीवीएस राजपूत ने सभी अतिथियों का स्वागत किया तथा समिति की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम आयोजक डॉक्टर मुनीश कुमार ने तीन दिवसीय संगोष्ठी के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर वैज्ञानिकों द्वारा लिखित पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। इस मौके पर डॉक्टर कौशल कुमार, डॉक्टर विनीता सिंह, डॉ. एस. एस. ग्रेवाल पूर्व निदेशक पी ए यू लुधियाना, डॉक्टर नीलम पटेल नीति आयोग सहित देश के विभिन्न प्रांतों के ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक, छात्र एवं किसान उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / रामबहादुर पाल
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