बेहतर साझेदारी से ऑटोमोटिव उद्योग में भविष्य की जरूरतों को पूरा करने में आयेगी तेजी: तरुण गुप्ता

बेहतर साझेदारी से ऑटोमोटिव उद्योग में भविष्य की जरूरतों को पूरा करने में आयेगी तेजी: तरुण गुप्ता
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बेहतर साझेदारी से ऑटोमोटिव उद्योग में भविष्य की जरूरतों को पूरा करने में आयेगी तेजी: तरुण गुप्ता


कानपुर, 22 अप्रैल (हि.स.)। उत्सर्जन अनुसंधान में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर की विशेषज्ञता को नेशनल ऑटोमोटिव टेस्ट ट्रैक्स (एनएटीआरएएक्स) की अत्याधुनिक परीक्षण सुविधाओं के साथ जोड़कर, हम ऑटोमोटिव उद्योग की भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए अभिनव समाधानों के विकास में तेजी ला सकते हैं। यह बात सोमवार को आईआईटी कानपुर के आर एंड डी (आर एंड डी) डीन प्रो. तरुण गुप्ता ने कहा।

उन्होंने कहा कि यह अभूतपूर्व साझेदारी ऑटोमोटिव अनुसंधान के क्षेत्र, विशेष रूप से वाहन उत्सर्जन के क्षेत्र में बदलाव लाएगी। इस महत्वपूर्ण सहयोग का उद्देश्य उत्सर्जन मानदंडों पर काम करना है, विशेष रूप से नवीनतम ईयू मानकों और भविष्य में उद्योग द्वारा उपयोग किए जाने वाले अभिनव समाधान बनाने के लिए ज्ञान-साझाकरण की दिशा में काम करना है।

एनएटीआरएएक्स के साथ सहयोग अकादमिक अनुसंधान और वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोग के बीच सामंजस्य बैठाने का एक उल्लेखनीय अवसर है। इससे हमें भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने और ऑटोमोटिव इंजीनियरों और शोधकर्ताओं की अगली पीढ़ी को विकसित करने के लिए सशक्त बनाने में भी मदद मिलेगी।

इस मौके पर नेशनल ऑटोमोटिव टेस्ट ट्रैक्स के निदेशक डॉ. मनीष जयसवाल ने कहा कि हमारा मानना है कि यह सहयोग ऐसी प्रौद्योगिकियों और प्लेटफार्मों को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करेगा जो किसी भी ऑटोमोटिव वाहन के डिजाइन और रियल टाइम टेस्ट विश्लेषण में उद्योग की सहायता कर सकते हैं। ऑटोमोबाइल के भौतिक परीक्षण में तथ्य-जांच, डेटा विश्लेषण और सामग्री क्यूरेशन शामिल होगा। यह साझेदारी ऑटोमोटिव उद्योग द्वारा बनाए गए उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करने के लिए पारदर्शिता, जवाबदेही और प्रौद्योगिकियों के जिम्मेदार उपयोग को प्राथमिकता देगी।

आईआईटी के मीडिया प्रभारी ने बताया कि सोमवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर और नेशनल ऑटोमोटिव टेस्ट ट्रैक्स ने रियल ड्राइव एमिशन (आरडीई) और एमिशन नॉर्म्स के साथ-साथ भविष्य में उपयुक्त समझे जाने वाले अन्य क्षेत्रों पर सहयोग की सुविधा के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की। इस एमओयू पर नैट्रैक्स के निदेशक डॉ. मनीष जायसवाल और आईआईटी कानपुर के डीन, अनुसंधान और विकास, प्रोफेसर तरुण गुप्ता ने हस्ताक्षर किए।

इस समझौता ज्ञापन के तहत, भविष्य में यह साझेदारी बैटरी, इंजन और फ्लेक्स ईंधन के निपटान और परिवहन से संबंधित सुरक्षा में नए नियमों की दिशा में होगी। नैट्रैक्स में आईआईटी कानपुर के एम.टेक छात्रों के लिए इंटर्नशिप कार्यक्रम विकसित करने की दिशा में काम करने पर भी आपसी सहमति हुई।

हिन्दुस्थान समाचार/राम बहादुर/मोहित

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