संगीत से जीवन का सरगम थेरेपेटिक है : प्रो हर्ष सिन्हा

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गोरखपुर, 01 मार्च (हि.स.)। दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में हीरक जयंती समारोह के तत्वावधान में चल रही कार्यक्रमों के विस्तृत श्रृंखला में आज सेंट्रल जोन डेलीगेसी द्वारा पेंटिंग, कार्टूनिंग, रंगोली, फोटोग्राफी एवं गायन प्रतियोगिताओं का आयोजन ललित कला विभाग के नादायन सभागार में हुआ।

इन प्रतियोगिताओं के संयोजक डा शैलेश सिंह, डा प्रदीप साहनी, डा गौरी शंकर, डा सुमन लता चौधरी हैं। इन विभिन्न प्रतियोगिताओं में लगभग तीन सौ से अधिक छात्र छात्राओं ने जोर आजमाइश की। इन प्रतियोगिताओं के लिए विश्विद्यालय के प्रो हर्ष सिन्हा के नेतृत्व में निर्णायक मंडल के सदस्यों के रूप में प्रो संदीप दीक्षित, प्रो गौर हरि बेहरा, डा कुसुम रावत तथा डा प्रदीप साहनी उपस्थित रहे। गायन प्रतियोगिता लंबे समय तक चली। इस प्रतियोगिता में सौ से अधिक प्रतिभागी थे, जिन्होंने अपनी गायकी का जलवा बिखेरा। कुछ ने तो शास्त्रीय संगीत का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया। सुर और सरगम का अद्भुत संयोजन छात्रों के प्रतिभाग में देखने को मिला। इस सुरीले कार्यक्रम का संचालन शोध छात्र अभिषेक श्रीवास्तव ने किया। इस प्रतियोगिता में क्रमशः दुर्गेश शुक्ल, प्रभाकर्ति आनंद एवं प्रियंजलि गुप्ता ने प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त किया।

प्रो हर्ष ने जीवन में संगीत के महत्व को उद्घाटित करते हुए कहा कि संगीत से मनुष्य को पूर्णता प्राप्त होती है। संगीत आपको आपके विषय में बहुत गहराई तक ले जाता है। उन्होंने आइंस्टीन का उदाहरण देते हुए कहा कि वे वायलिन बहुत अच्छा बजाते थे। संगीत में एक ताकत होती है जो आपका सम्पूर्ण परिष्कार करता है।

प्रो संदीप, गौरहरि बेहरा और डॉ प्रदीप ने अपनी प्रस्तुतियों से सभी का दिल जीत लिया। डेलीगेसी उपाध्यक्ष प्रो शिखा सिंह एवं सचिव डा आमोद कुमार राय ने सभी संयोजकों एवं सदस्यों का स्वागत किया और उनके सहयोग के लिया आभार प्रदर्शित किया।

कुलपति ने विजयी प्रतिभागियों के प्रति अपनी शुभकामना प्रेषित की और कहा बिना जय पराजय के आप अपने सफर में ऐसे ही आगे बढ़ते रहें।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय

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