बांदा : उप निरीक्षकों ने पेश की मानवता की मिसाल, रक्तदान कर बचाई किशोर की जान

बांदा : उप निरीक्षकों ने पेश की मानवता की मिसाल, रक्तदान कर बचाई किशोर की जान
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बांदा : उप निरीक्षकों ने पेश की मानवता की मिसाल, रक्तदान कर बचाई किशोर की जान


बांदा, 13 जून (हि.स.)। खून की कमी के चलते जिला अस्पताल में अंतिम सांसें गिन रहे किशोर अमन का उपचार करने के बजाए चिकित्सक उल्टा अभद्रता पर अमादा हो गए। मददगारों तथा गूंगी मां को चिकित्सक ने केबिन से बाहर कर दिया। मामले की जानकारी मिलते ही कमिश्नर तथा डीएम के हस्तक्षेप के बाद अमन का उपचार शुरू हुआ। इधर, सूचना के मिलते ही जिले के दो उपनिरीक्षक जिला अस्पताल पहुंचे। उन्होंने रक्तदान कर उन्होंने किशोर को नई जिंदगी दी।

हमीरपुर जनपद के सिसोलर गांव निवासी अमन पुत्र स्व. कृष्ण कुमार की बुधवार को अचानक तबियत बिगड़ गई। आनन-फानन में गूंगी मां मालती तथा वृद्ध नानी उपचार के लिए लेकर जिला अस्पताल पहुंची। जानकारी मिलने पर दो मददगार भी पहुंच गए। पर्चा कटवाने के बाद चिकित्सक एके राजपूत ने खून की जांच करवाई। मालूम पड़ा कि अमन के सिर्फ 4 प्वाइंट ही ब्लड है। इस बात की जानकारी जब चिकित्सक एके राजपूत को हुई तो उन्होंने उपचार करने से मना कर दिया। मददगार व उसकी मां अमन को भर्ती करने के लिए गिड़गिड़ाती रहीं लेकिन चिकित्सक का दिल नहीं पसीजा। उल्टा अभद्रता करते हुए मददगारों तथा गूंगी मां को अपने केबिन से बाहर कर दिया। प्रभारी सीएमएस आरके गुप्ता से संपर्क साधने के बाद अमन को भर्ती का अस्पताल में भर्ती किया गया।

खून की कमी होने के चलते लगातार उसकी हालत बिगड़ती जा रही थी। ओ-पॉजिटिव ब्लड ग्रुप होने के कारण उसे ब्लड बैंक में खून भी नहीं मिल पा रहा था। इस बात की जानकारी जब सोशल मीडिया के माध्यम से पुलिस महकमे को हुई तो तत्काल तिंदवारी थानाध्यक्ष राधाकृष्ण तिवारी तथा पैलानी थाने में तैनात उपनिरीक्षक अर्पित पाण्डेय जिला अस्पताल पहुंचे। दोनों सब इंस्पेक्टरों ने रक्तदान कर असहाय अमन की जिंदगी बचाने में अहम भूमिका अदा की। इसके अलावा उपनिरीक्षकों ने असहाय अमन के परिजनों को आर्थिक मदद भी की। जिसका परिवार वालों ने हृदय से आभार जताया है। चिकित्सक द्वारा की गई अभद्रता की जानकारी होने के पश्चात कमिश्नर बालकृष्ण त्रिपाठी तथा डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने भी डॉक्टरों को जमकर फटकारा, साथ ही बेहतर उपचार के निर्देश दिए।

असहाय अमन को समय से खून की उपलब्धता होने पर उसकी जिंदगी में एक बार फिर नई किरण दौड़ गई है। अगर समय से खून की व्यवस्था न हो पाती तो उसकी जान भी जोखिम में पड़ जाती। पुलिस महकमे द्वारा पेश की गई मानवता की मिसाल सोशल मीडिया में सुर्खियों में बनी रही। इधर, सीएमएस डॉक्टर आरके गुप्ता ने मरीज और उनके तीमारदारों के साथ डॉक्टर द्वारा अभद्रता किए जाने से इनकार किया। उन्होंने कहा ब्लड का इंतजाम न होने पर इलाज में असमर्थता व्यक्त की थी।

हिन्दुस्थान समाचार/अनिल/मोहित

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