गाजियाबाद: डीएम सर्किल दरों पर सम्पत्ति कर वसूली में विरोध पर उतरे भाजपा के दो पूर्व पार्षद

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गाजियाबाद: डीएम सर्किल दरों पर सम्पत्ति कर वसूली में विरोध पर उतरे भाजपा के दो पूर्व पार्षद






















-जनता पर आवश्यक बोझ बर्दाश्त नहीं, कोर्ट जाएंगे:राजेन्द्र त्यागी

गाजियाबाद, 03 जुलाई (हि.स.)। पूर्व पार्षद व भाजपा के वरिष्ठ भाजपा नेता राजेन्द्र त्यागी व हिमांशु मित्तल ने बुधवार को नगर निगम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने चेतावनी दी कि डीएम सर्किल रेट के आधार पर संपत्तिकर वसूली की व्यवस्था लागू किया जाना किसी भी स्थिति में उचित नहीं है। इसे किसी भी सूरत में लागू नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि इसे वापस नहीं लिया गया तो वह इसके खिलाफ़ कोर्ट का सहारा लेंगे। साथ ही इसे जनांदोलन बनाने से भी पीछे नहीं हटेंगे।

एक प्रेस वार्ता में राजेन्द्र त्यागी ने कहा कि डीएम सर्किल रेट पर संपत्तिकर वसूली कीे व्यवस्था को निगम अधिकारियों की हठधर्मी बताया। उन्होंने महापौर से मांग की कि वह इस गंभीर मसले पर निगम सदन की बैठक बुलाकर इस व्यवस्था को समाप्त कराएं।

उन्होंने इसको लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी पत्र लिखा है।

उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि नियम के अनुसार दो साल में संपत्तिकर में इजाफा किया जा सकता है,जबकि

साल 20223-24 के दौान संपत्तिकर में दस फीसदी का इजाफा किया गया था। जो कि साल 2024- 25 तक लागू है। इस अवधि के दौरान किसी तरह की वृदि नहीं की

जा सकती है। 7 जून 2022 को निगम सदन बैठक के दौरान निगम अधिकारियों के द्वारा डीएम सर्किल

रेट के आधार पर संपत्तिकर मे बढौत्तरी का प्रस्ताव रखा गया था,उस दौरान प्रस्ताव को पुन:अगली सदन बैठक के दौरान रखने का तय किया गया था। हैरत का

पहलू ये है कि 16 सितंबर 2022 को जो सदन की बैठक हुई उसमें इस प्रस्ताव को रखा ही नहीं गया

था। अधिकारियों के द्वारा उस दौरान मौखिक तरीके से बताया था कि प्रस्ताव को शासन में भेजा गया है।इस पहलू को लेकर सदन सदस्यों के द्वारा नाराजगी जतायी गई थीं। अधिकारियो को चेताया गया था कि

बगैर सदन की अनुमति के इस तरहका प्रस्ताव शासन को न भेजा जाए।

उन्होंने कहा कि जहां तक निगम की आय में इजाफा करने का सवाल है,उसके लिए एक नहीं बल्कि कई माध्यम है। निगम अधिनियम 1959 की धारा 191 के तहत चल

अचल संपत्तियों के हस्तांतरण के लेखों पर दो प्रतिशत शुल्क लिया जाता है। राज्य सरकार के द्वारा निगमों को ये पैसा अवस्थापना निधि के रूप में दिया जाता है। जो कि पिछले कई सालों से नहीं मिला,जबकि ये राशि बढकर 700 करोड रूपए पहुंच गई है। यदि निगम अधिकारियों के द्वारा इस पैसे को प्राप्त करने का प्रयास किया होता तो निगम की आर्थिक स्थिति कभी भी खराब रहने वाला

नहीं थीं।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में रु फेडरेशन के अध्यक्ष कर्नल तेजेंद्र पाल त्यागी साउथ साइड का जीटी रोड औद्योगिक क्षेत्र के अध्यक्ष महेश अग्रवाल राजनगर रु अध्यक्ष दीपक कांत गुप्ता भी उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/फरमान अली

/बृजनंदन

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