हर घर पहुंचने वाला साफ पानी लाएगा शिशु मृत्यु दर में कमी : विनी महाजन
-दो दिवसीय राष्ट्रीय जल सम्मेलन का पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय की सचिव ने किया उद्घाटन
लखनऊ, 16 फरवरी (हि.स.)। पीने के लिए साफ पानी के अभाव में तमाम बच्चे न केवल गंभीर बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं बल्कि इनमें से एक चौथाई अपनी जान तक गंवा देते हैं। जल जनित बीमारियों की वजह से होने वाली शिशु मृत्यु दर का आंकड़ा देश में फिलहाल 25 प्रतिशत है। पेयजल मिशन से जब हर घर में साफ पानी पहुंचेगा तो इस आंकड़े में कमी आएगी।
जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय जल सम्मेलन का शुक्रवार को उद्घाटन करते हुए पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय की सचिव विनी महाजन ने इसकी उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा कि राज्यों ने चुनौतियों से निपटते हुए लक्ष्य की तरफ तेजी से कदम बढ़ाया है, इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं।
विनी महाजन ने इस दौरान पेयजल मिशन की तमाम चुनौतियों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि लक्ष्य प्राप्त करना असल चुनौती नहीं है। इससे बड़ी चुनौती इस बात की है कि उसकी निरंतरता कैसे बनाए रखी जाएगी। कैसे इस योजना में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। कैसे इस परियोजना को आम लोगों को सुपुर्द किया जाएगा और वे इसे हमेशा ही गति देते रहेंगे। उन्होंने कहा कि स्थायी जल प्रबंधन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हर मोर्चे पर हमें ठोस प्रयास करने की जरूरत है। हमें प्रतिबद्ध होना होगा कि हम सप्लाई किए जा रहे पानी की गुणवत्ता बनाए रखेंगे। जल जनित बीमारियों से बचाव के लिए क्लोरीनीकरण प्रोटोकॉल का हमें पालन करना है और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इसी से हम अपेक्षित लक्ष्य को पूरा कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि स्वच्छ पेयजल की आवश्यकता समझाने के लिए व्यापक जागरूकता अभियान चलाए जाने की आवश्यकता है। हमें यह भी सुनिश्चित करना है कि ग्राउंड वॉटर रीचार्ज होता रहे। ऐसा करके ही हम अपने जलस्रोत को लंबे समय तक इस्तेमाल कर सकेंगे। हमारे जलस्रोत दूषित न हों, इसके लिए हमें खुले में शौच से मुक्त यानी ओडीएफ की प्रवृत्ति को बनाए रखना होगा। सरकार कोई भी काम करती है तो उसके लक्ष्य बड़े होते हैं। लिहाजा सभी विभागों को आपसी समन्वय हर परियोजना के लिहाज से बनाए रखना होगा। विभागों के सहयोग से लक्ष्यों की प्राप्ति आसान हो जाती है।
उप्र अपना प्लान सबके साथ साझा करे
विनी महाजन ने उत्तर प्रदेश के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को अपना प्लान सभी के साथ साझा करना चाहिए ताकि और लोग भी उसे देखें और अपनाएं। चुनौतियों से निपटते हुए योजना की पूर्ति और लक्ष्य की निरंतरता किस तरह से बनाए रखी जाए यह काफी अहम पहलू है।
राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के निदेशक और केंद्र सरकार के अपर सचिव डॉ़ चंद्रभूषण कुमार ने ठाकुर के कुंए के जिक्र के साथ अपना संबोधन शुरू किया। उन्होंने कहा कि साफ पानी की चुनौती शुरू से ही रही है लेकिन जल जीवन मिशन ने इस चुनौती को ही चुनौती दी है।
भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के मिशन निदेशक और संयुक्त सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव ने जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण को एक दूसरे की पूरक योजना बताया। उन्होंने स्वच्छता के महत्व और उनकी उपयोगिता पर अपने विचार रखे।
कर्नाटक के ग्राम्य विकास और पंचायतीराज विभाग के अपर मुख्य सचिव अंजुम परवेज ने कहा कि किसी कार्य को बिना दृढ़ संकल्प के पूरा नहीं किया जा सकता। जल जीवन मिशन कई चुनौतियों से पार पाते हुए सफलता की ओर है। इस मौके पर असम के स्पेशल चीफ सेक्रेटरी एस अब्बासी, बिहार के ग्राम्य विकास विभाग के प्रमुख सचिव अरविंद कुमार चौधरी मौजूद थे।
सर्वोत्तम प्रयोग को साझा करने का मंच बनेगा यह सम्मेलन : अनुराग श्रीवास्तव
उप्र सरकार के नमामि गंगे और ग्रामीण जल आपूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने इस राष्ट्रीय सम्मेलन में आए अतिथियों का स्वागत किया और उत्तर प्रदेश को इस अहम कॉन्फ्रेंस की मेजबानी दिए जाने पर आभार जताया। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन लोगों को अपनी सर्वोत्तम प्रयोगविधि को साझा करने का मंच बनेगा। सभी लोग एक दूसरे के प्रयासों को जानेंगे और उनकी अच्छी बातें अपने यहां भी लागू करेंगे। इस मौके पर उप्र जल निगम ग्रामीण के एमडी डॉ़ बलकार सिंह भी मौजूद थे।
हिन्दुस्थान समाचार /पीएन द्विवेदी
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