ट्रिपल आईटी के संस्थापक निदेशक नहीं रहे
प्रयागराज, 21 मई (हि.स.)। भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान इलाहाबाद (ट्रिपल आईटी) के संस्थापक निदेशक डॉ. एम.डी. तिवारी का मंगलवार की सुबह उनके आवास नई दिल्ली में निधन हो गया। डॉ तिवारी संस्थान की स्थापना वर्ष 1999 से 2014 तक संस्थान के निदेशक रहे। जिस दौरान संस्थान ने आईटी के क्षेत्र में राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय छाप छोड़ी।
वर्ष 1999 में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सरकार द्वारा देश के पहले ट्रिपल आईटी की शुरुआत इलाहाबाद विश्वविद्यालय के नेहरू साइंस कॉम्प्लेक्स में की गयी थी। डॉ तिवारी की प्रशासनिक क्षमताओं को देखते हुए तत्कालीन केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी पर नियुक्त किये गए। उसके बाद लगभग दो कार्यकाल तक संस्थान के निदेशक रहते हुए झलवा परिसर का पूर्ण विकास किया। कई नए कोर्स की उन्होंने शुरुआत किया जो बाद में काफी लोकप्रिय हुए।
उनके नेतृत्व में देश में पहली बार नोबल वैज्ञानिकों के साथ समागम की शुरुआत झलवा परिसर में वर्ष 2008 से हुई जो वर्ष 2014 तक लगातार जारी रहा जिससे पूरी दुनिया में अपना ध्यान आकर्षित किया।
झलवा परिसर में एक शोक सभा आयोजित की गई और डॉ तिवारी की दिवंगत आत्मा की याद में दो मिनट का मौन रखा गया। प्रो ओपी व्यास, प्रभारी निदेशक ने स्वर्गीय डॉ. तिवारी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने डॉ तिवारी को आईटी के क्षेत्र में आईआईआईटी-ए को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर लाने का पूरा श्रेय दिया। उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की कि वह दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिवार को इस कठिन समय में अपूरणीय क्षति को सहन करने के लिए पर्याप्त शक्ति और धैर्य प्रदान करें।
डॉ. तिवारी अपने पीछे एक ऐसी विरासत छोड़ गए हैं जो समय और स्थान से परे है। उनके दूरदर्शी नेतृत्व और अटूट समर्पण ने 1999 से 2014 तक संस्थान की नींव को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉ. एम.डी तिवारी शिक्षा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में ज्ञान और अनुभव से लैस, वह उच्च शिक्षा की दुनिया में एक बड़ी ताकत थे।
हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/राजेश
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