स्वतंत्रता का अपना मूल्य होता है : रामबली पाल
--देश के आंतरिक व वाह्य शत्रुओं से सावधान रहकर देश की रक्षा के लिए तत्पर रहना चाहिए : प्रो शैलेन्द्र मिश्र
--ज्वाला देवी में कारगिल विजय दिवस पर शहीदों को नमन
प्रयागराज, 26 जुलाई (हि.स.)। कारगिल युद्ध भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में मई के महीने में कश्मीर के कारगिल जिले से प्रारम्भ हुआ था। कारगिल विजय दिवस उन शहीदों की वीरता ने हमें यह अहसास दिलाया था कि स्वतंत्रता का अपना ही मूल्य होता है, जो वीरों के रक्त से चुकाया जाता है।
उक्त विचार मुख्य अतिथि रामबली पाल ने सिविल लाइन स्थित ज्वाला देवी इण्टर कॉलेज में शुक्रवार को कारगिल विजय दिवस के अवसर पर व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस युद्ध का कारण था बड़ी संख्या में पाकिस्तानी सैनिकों व पाक आतंकवादियों का लाइन ऑफ कंट्रोल यानी भारत-पाकिस्तान की वास्तविक नियंत्रण रेखा के भीतर प्रवेश कर कई महत्वपूर्ण पहाड़ी चोटियों पर कब्जा कर लेह लद्दाख को भारत से जोड़ने वाली सड़क का नियंत्रण हासिल कर सियाचिन ग्लेशियर पर भारत की स्थिति को कमजोर कर हमारी राष्ट्रीय अस्मिता के लिए खतरा पैदा करना था।
विद्यालय के प्रधानाचार्य विक्रम बहादुर सिंह परिहार ने कहा कि भारत वीर योद्धाओं की भूमि है। भारत ने हमेशा कड़ा संघर्ष किया है और दुश्मनों को हमेशा धूल चटाई है। इसका एक ताजा उदाहरण कारगिल युद्ध के रूप में देखा जा सकता है। जब हमने पाकिस्तान के खिलाफ कारगिल युद्ध जीता था, तब दुनिया ने भारतीय सेना की बहादुरी का लोहा माना, इस जीत का जश्न मनाने के लिए पूरे भारत में हर साल कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रान्तीय संगीत प्रमुख भरत ने कहा कि 26 जुलाई 1999 के दिन भारतीय सेना ने कारगिल युद्ध के दौरान चलाए गए ‘ऑपरेशन विजय’ को सफलतापूर्वक अंजाम देकर भारत भूमि को घुसपैठियों के चंगुल से मुक्त कराया था। इसी की याद में ‘26 जुलाई’ अब हर वर्ष कारगिल दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन समर्पित है उन्हें, जिन्होंने अपना आज हमारे कल के लिए बलिदान कर दिया। विशिष्ट अतिथि के रुप में शिशु मन्दिर सिविल लाइन्स प्रधानाचार्य इन्द्रजीत त्रिपाठी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन सन्दीप मिश्र एवं कार्यक्रम संयोजक हरे कृष्ण त्रिपाठी ने आभार ज्ञापन किया।
--ज्वाला देवी गंगापुरी में मनाया गया कारगिल विजय दिवस
इसी क्रम में ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कॉलेज गंगापुरी, रसूलाबाद में कारगिल विजय दिवस कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि डॉ इलाहाबाद विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर शैलेन्द्र कुमार मिश्र कहा कि हमें कारगिल को अंतिम न मानकर सदैव सजग रहना चाहिए। हमें देश के आंतरिक व वाह्य दोनों प्रकार के शत्रुओं से सावधान रहते हुए देश की रक्षा के लिए तत्पर रहना चाहिए। हमें सदैव देश के लिए समर्पित रहना चाहिए और आने वाली पीढ़ी को देश सेवा के लिए जागरूक करें। एक देश की आन बान और शान सेना होती है जिसका हमें सदैव सम्मान करते रहना चाहिए।
कार्यक्रम अध्यक्ष एमएनएनआईटी भौतिक शास्त्र के प्रो अनिमेष कुमार ओझा ने वीर जवानों को नमन करते हुये तथा छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए देश के लिए अपने कर्तव्यों को निर्वहन करने के लिए प्रेरित किया। विद्यालय के प्रधानाचार्य युगल किशोर मिश्र ने अतिथि परिचय कराते हुए शहीदों को नमन किया तथा छात्रों को सेना में जाने के लिए प्रेरित किया।
कारगिल योद्धा सतपाल श्रीवास्तव ने कहा कि किसी युद्ध को जीतने के लिए सिर्फ अत्याधुनिक उपकरण और सैन्य ताकत ही नहीं, बल्कि उस देश के नागरिकों के अपने राष्ट्र भूमि के रक्षार्थ अपना सर्वस्व अर्पित करने की भावना से सुनिश्चित होता है। कैप्टन विक्रम बत्रा, लेफ्टिनेंट सौरभ कालिया, मेजर योगेन्द्र सिंह यादव एवं कैप्टन मनोज पाण्डेय आदि शहीदों का जिक्र करते हुए कहा कि हमें भी अपने देश के सम्मान एवं निष्ठा के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन आचार्या रीता विश्वकर्मा, छात्रा इन्द्राणी सिंह एवं अदिति यादव ने किया। आभार ज्ञापन विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य जनार्दन प्रसाद दूबे ने किया।
हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र / बृजनंदन यादव
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।