राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय चौकाघाट में हाथीपांव रोग का उपचार
—आयुर्वेद, एलोपैथ तथा योग की एकीकृत पद्धति से उपचार
वाराणसी, 14 अगस्त (हि.स.)। विश्व भर में लाइलाज माने जाने वाले फाइलेरिया का सफल इलाज उत्तर प्रदेश के वाराणसी, लखनऊ एवं बिहार में किया जा रहा है। हाथी पांव के मरीजों का आयुर्वेद, एलोपैथ तथा योग की एकीकृत पद्धति से सफल नि:शुल्क उपचार किया जा रहा है। इसमें केरल स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ एप्लाइड डर्मेटोलॉजी (आई.ए.डी) के संस्थापक डॉ एस.आर. नरहरी व उनके सहयोगियों का खास योगदान है।
आई.ए.डी. ने अपनी एकीकृत चिकित्सा का उपयोग करके दशकों से आठ हजार से अधिक रोगियों का इलाज किया है। आई.ए.डी ने गत वर्ष मरीजों को मुफ्त इलाज प्रदान करने के लिए राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं चिकित्सालय, चौकाघाट वाराणसी और क्षेत्रीय आयुर्वेदिक अनुसन्धान केंद्र, इंदिरा नगर, लखनऊ में उपचार केंद्र शुरू किए हैं। इन केन्द्रों में 550 से अधिक मरीज इलाज करा चुके हैं। मरीज इलाज से संतुष्ट हैं और अब सामान्य जीवन जी रहे हैं।
लंदन की प्रोफेसर क्रिस्टीन मोफैट, त्वचा विज्ञान की विशेषज्ञ व अंतर्राष्ट्रीय लिम्फेडेमा फ्रेमवर्क की अध्यक्ष क्रिस्टीन मोफैट ने वाराणसी स्थित आई. ए. डी. के फ़ाइलेरिया उपचार केंद्र में मरीजों को देखा। उन्होंने मरीजों के घरों का दौरा किया और उनसे बातचीत कर इलाज के संबंध में उनकी संतुष्टि जानी। इस दौरान केन्द्र के चिकित्सक भी मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी / राजेश
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