अरहर फसल को सुरक्षित करने को नीम की पत्ती का घोल बनाकर करें छिड़काव : डॉ. किशोर
कानपुर,02 सितम्बर (हि.स.)। अरहर फसल को सूंडी कीड से बचाने के लिए जैव रसायन का छिड़काव करे। जिससे पैदावार अच्छी होगी और किसान भाइयों को कम लागत में अधिक लाभ मिलेगा। यह जानकारी सोमवार को चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के थरियांव स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के फसल सुरक्षा वैज्ञानिक डॉ जगदीश किशोर ने दी।
उन्होंने बताया कि अरहर फसल में लगने वाले सुंडी कीट के प्रबंधन करने के लिए किसानों को यह सलाह दी जाती है कि जैव रसायन का प्रयोग करें जिससे खेती में रासायनिक दवाओं का प्रयोग कम किया जा सके और मानव जीवन सुरक्षित हो सके।
डॉक्टर किशोर ने केंद्र पर अरहर फसल का भ्रमण करने आई महिला कृषक रंजना राजपूत और प्रगतिशील किसान शिवकुमार को प्रक्षेत्र पर लगी अरहर की फसल का भ्रमण कर सुंडी कीट के प्रबंधन हेतु जानकारी दी।
उन्होंने कृषकों को बताया कि अरहर फसल को जैव रसायन जैसे नीम की निंबोली का 5 मिलीलीटर एक लीटर पानी में घोलकर या नीम की पत्ती को पीसकर 50 मिलीलीटर एक लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करने से सुंडी कीट पर काबू पाया जा सकता है। उन्होंने रासायनिक नियंत्रण के लिए इमामेक्टीन बेंजोएट 5 प्रतिशत एसजी की 100 ग्राम मात्रा प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करने की भी सलाह दी।
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हिन्दुस्थान समाचार / रामबहादुर पाल
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