बीएचयू में तीन दिवसीय पुष्प प्रदर्शनी, मालवीय भवन में बिखरी रंग बिरंगे फूलों की छटा

बीएचयू में तीन दिवसीय पुष्प प्रदर्शनी, मालवीय भवन में बिखरी रंग बिरंगे फूलों की छटा
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बीएचयू में तीन दिवसीय पुष्प प्रदर्शनी, मालवीय भवन में बिखरी रंग बिरंगे फूलों की छटा


बीएचयू में तीन दिवसीय पुष्प प्रदर्शनी, मालवीय भवन में बिखरी रंग बिरंगे फूलों की छटा


बीएचयू में तीन दिवसीय पुष्प प्रदर्शनी, मालवीय भवन में बिखरी रंग बिरंगे फूलों की छटा


-रामलला के मंदिर की रंग-बिरंगे फूलों से बनी अनुकृति आकर्षण, विदेशी प्रजाति के फूल भी अपनी आभा बिखेर रहे

वाराणसी, 25 दिसम्बर (हि.स.)। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के संस्थापक भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती पर सोमवार से परिसर स्थित मालवीय भवन में तीन दिवसीय पुष्प प्रदर्शनी की शुरुआत हुई। प्रदर्शनी का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलगुरू (रेक्टर)प्रो. विजय कुमार शुक्ल ने किया। प्रदर्शनी में शामिल होने के लिए छात्रों में जबरदस्त उत्साह दिखा। मालवीय भवन में रंग बिरंगे फूलों की छटा बिखरी तो बगिया भी फूलों से गमक रही थी। वातावरण हजारों फूलों की सुगन्ध से मह-मह रहा। फूलों में गुलाब खुशबुओं से इठला रहा था तो रजनीगंधा और चमेली की भिनी खुशबू भी वातावरण में छायी रही।

पुष्प प्रदर्शनी में रामनगरी अयोध्या में जन्मस्थान पर बन रहे रामलला के मंदिर की रंग-बिरंगे फूलों से बनी अनुकृति, बीएचयू का सिंहद्वार लोगों में आकर्षण का केन्द्र रहा। प्रदर्शनी शुरू होने के बाद लोगाें का जमावड़ा प्रदर्शनी स्थल पर हुआ और लोगों ने फूलों के साथ सेल्फी भी खूब ली। परिसर में विभिन्न प्रजातियों की गुलदाउदी के अलावा विविध विदेशी प्रजाति के फूल भी अपनी आभा बिखेर रहे हैं।

मालवीय स्मृति पुष्प प्रदर्शनी के सचिव डॉ आनंद कुमार सिंह के अनुसार पुष्प प्रदर्शनी में मुख्य रूप से गुलदावदी के गमले एवं फूलों के संग्रह, कोलियस, विभिन्न प्रकार के शोभाकारी पौधे एवं रंगीन पत्तियों के समूह लगाए गए है। गुलदावदी के कटे फूल, गुलाब के कटे फूल, लीलियम, जरबेरा, कार्नेशन, ग्लैडियोलस, रजनीगंधा, बर्ड ऑफ पैराडाइज गेंदा, गुलाब आदि पुष्पों के गमले रिफ्लैक्स्ड, इनकर्वड, इनकर्विंग, स्पाइडर, पोममैन, स्पून, एनिमोन आदि प्रारूपों में प्रदर्शित किये गए है। साथ ही विभिन्न प्रकार के फल एवं सब्ज़ियां, मसाले व औषधीय पौधे, जैविक फलदार पौधे, जैविक शाकभाजी, चूल्हा, विभिन्न पुष्पों से सुसज्जित रंगोली, सुकर्तन कला (टॉपियरी) बोनसाई और हरी पत्तियों के संग्रह, मालवीय जी पर आधारित वास्तुकला के नमूने, मानव पक्षी एवं जल प्रपात आदि मुख्य रूप से आकर्षण के केन्द्र है।

प्रदर्शनी में गुलाब के चर्चित फूल

किंग ऑफ द शो-हाट साट गुलाबी, क्वीन ऑफ द शो-टॉप जुमेलिया, प्रिंस ऑफ द शो-टॉप पीच सीक्रेट, प्रिंसेस ऑफ द शो अम्बे रोजिया लोगों को खूब भा रहे हैं।

प्रदर्शनी में इनकी है भागीदारी

प्रदर्शनी में विश्वविद्यालय के अन्य विभाग/छात्रावास/उद्यानों के साथ-साथ वाराणसी जनपद के विभिन्न संस्थाएं, 39 जीटीसी छावनी परिषद्, उप-निदेशक उद्यान वाराणसी, जिला उद्यान अधिकारी वाराणसी, आजमगढ़, गाजीपुर, जौनपुर, मीरजापुर, सोनभद्र, संत रविदास नगर (भदोही), चन्दौली एवं मऊ, बनारस रेल इंजन कारखाना, वाराणसी, केन्द्रीय कारागार, वाराणसी, पूर्वोत्तर रेलवे, वाराणसी, जिला कारागार, वाराणसी, धीरेन्द्र कन्या महाविद्यालय, विन्ध्य गुरुकुल कॉलेज, मीरजापुर, स्थानीय नर्सरी, होटल सहित कुल 638 प्रतिभागी भाग ले रहे है। प्रदर्शनी 27 दिसम्बर को शाम 06 बजे तक आम लोगों के लिए खुली रहेगी।

-उद्घाटन के अवसर पर इनकी रही मौजूदगी

प्रदर्शनी के उद्घाटन के अवसर पर बीएचयू के छात्र अधिष्ठाता प्रो. ए.के. नेमा, कुलसचिव प्रो. अरुण कुमार सिंह, वित्त अधिकारी अभय कुमार ठाकुर, निदेशक- कृषि विज्ञान संस्थान प्रो. एस.वी.एस. राजू, निदेशक, पर्यावरण एवं संपोष्य विकास संस्थान प्रो. ए.एस. रघुवंशी, निदेशक, विज्ञान संस्थान प्रो. अनिल कुमार त्रिपाठी, मुख्य आरक्षाधिकारी प्रो. एस.पी. सिंह आदि भी मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/आकाश

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