दण्ड नहीं, पीड़ित को सुलभ न्याय दिलाने पर केंद्रित है यह बदलाव : डीआईजी

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दण्ड नहीं, पीड़ित को सुलभ न्याय दिलाने पर केंद्रित है यह बदलाव : डीआईजी


दण्ड नहीं, पीड़ित को सुलभ न्याय दिलाने पर केंद्रित है यह बदलाव : डीआईजी


- एक जुलाई से लागू हुई देश में नई कानून व्यवस्था

मीरजापुर, 01 जुलाई (हि.स.)। एक जुलाई से देश में लागू नई कानून व्यवस्था भारतीय न्याय संहिता को लेकर पुलिस उप महानिरीक्षक आरके सिंह ने सोमवार को कोतवाली देहात में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। नई कानून व्यवस्था के संदर्भ में जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार ने पुरानी कानून प्रक्रिया (आईपीसी) इंडियन पीनल कोड में बदलाव कर (बीएनएस) भारतीय न्याय संहिता किया है।

डीआईजी ने कहा कि यह बदलाव दण्ड नहीं बल्कि पीड़ित को सुलभ न्याय दिलाने पर केंद्रित हैं। कानून की कई धाराओं में भी बदलाव किया गया है। गंभीर अपराध, धोखाधड़ी, बलात्कार, महिला उत्पीड़न आदि की धाराओं में बदलाव किया गया है।

इस दौरान अपर पुलिस अधीक्षक नितेश सिंह, सीओ सिटी मनोज गुप्ता, सीओ सदर मंजरी राव डीजीसी क्रिमिनल आलोक राय, अध्यक्ष बार एसोसिएशन संजय उपाध्याय आदि मौजूद थे।

ब्रिटिश काल के कानूनों का हुआ अंत

पुलिस अधीक्षक अभिनंदन ने नए कानून लागू होने के उपलक्ष्य में अदलहाट थाने पर जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया। उन्होंने भारत सरकार की ओर से प्रख्यापित तीन नए आपराधिक कानूनों भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के देश भर में लागू होने के उपलक्ष्य में स्थानीय गणमान्य व संभ्रांत व्यक्तियों आम नागरिकों को विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ब्रिटिश काल के कानूनों का अंत हो चुका है। इसी क्रम में जनपद के सभी थानों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए।

हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर/मोहित

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