चिट फंडस् सोसायटी कार्यालय में जमकर हुआ हंगामा

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चिट फंडस् सोसायटी कार्यालय में जमकर हुआ हंगामा


चिट फंडस् सोसायटी कार्यालय में जमकर हुआ हंगामा






फर्जी दस्तावेजों के आधार पर चुनाव कराने का आरोप

सूचना पर पहुंचे एमएलसी व विधायक ने वार्ता कर अग्रिम आदेश तक चुनाव नामांकन प्रक्रिया रुकवाई

झांसी,13 जून(हि. स.)। एक शिक्षा समिति के हो रहे चुनाव नामांकन प्रक्रिया के दौरान फर्म सोसायटीज चिट्स कार्यालय में गुरुवार को एकाएक हंगामा शुरू हो गया। एक पक्ष ने दूसरे पक्ष पर कूटरचित दस्तावेज तैयार कर समिति का पैसा,जमीन व स्कूल हथियाने का आरोप लगाकर फर्जी तरीके से चुनाव कराने का आरोप लगाया। इसे लेकर दोनों पक्ष कार्यालय में आमने-सामने आ गए। जमकर कहा-सुनी हुई और बात धक्का मुक्की तक जा पहुंची। हंगामे की खबर पाकर शिक्षक एमएलसी डॉ. बाबूलाल तिवारी व और बबीना विधायक वहां जा पहुंचे। दोनों जनप्रतिनिधियों की वार्तालाप के बाद चुनाव की नामांकन प्रक्रिया को अगले आदेश तक रोक दिया गया। यह आदेश नोटिस कार्यालय परिसर में भी चस्पा कर दिया गया। इसके बाद दोनों पक्ष शांत होकर अपने-अपने घर चले गए।

दरअसल रामस्वरूप यादव शिक्षा समिति पूंछ की आज सहायक रजिस्ट्रार फर्म एवं सोसायटीज चिट्स फंड कार्यालय में चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया चल रही थी। उसी दौरान साक्षी यादव पुत्री ज्ञान सिंह यादव और उसके साथ पहुंचे दर्जनों लोगों ने फर्म एवं सोसायटीज कार्यालय में चुनाव कराने वाले पक्ष पर कूट रचित दस्तावेज तैयार कर सूची में फर्जी सदस्यों को बढ़ाकर चुनाव कराने और शिक्षा समिति का सब कुछ हड़पने के प्रयास का आरोप लगाया। साथ ही कार्यालय में नारेबाजी शुरू कर दी। इस पर दोनों पक्ष कार्यालय में आमने सामने आ गए। दोनों पक्षों में जमकर गहमागहमी हुई और धक्का-मुक्की भी हुई। स्थिति बिगड़ते देख कार्यालय की ओर से पुलिस बल बुलाया गया। वहीं घटना की सूचना पाकर एमएलसी डॉ. बाबूलाल तिवारी व बबीना विधायक राजीव सिंह भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने सहायक रजिस्ट्रार से वार्तालाप करते हुए दस्तावेजों की निष्पक्ष जांच कर आगे की कार्यवाही करने का आग्रह किया। इसके बाद चुनाव की नामांकन प्रक्रिया को रोकते हुए अगले आदेश तक चुनाव निरस्त कर दिया गया।

वहीं साक्षी द्वारा आरोप लगाया गया कि उनके पिता समिति के अध्यक्ष हैं, और उनकी बिना सहमति चुनाव प्रक्रिया शुरू कैसे हुई। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि समिति उनके दादा के पिता रामस्वरूप के नाम है। इसके बाद विपक्षियों ने वर्ष 2018 ओर 2019 में मृतक की अध्यक्षता में बैठक दिखाकर अपने परिवार के लोगों को सदस्य बनाकर समिति के सारे खाते संचालित करने लगे। इस संबंध में हाई कोर्ट में भी रिट दायर हुई और मंडलायुक्त के यहां भी आज जो चुनाव हो रहा था, उसे रुकवाने के लिए रिट दायर की गई थी। इसी संबंध में आज यहां चुनाव को निरस्त कराने को वह लोग यहां आए हैं। जहां दोनों पक्ष में जमकर हंगामा हुआ। मारपीट की नौबत तक आ गई। विधायक और एमएलसी के हस्तक्षेप के बाद चुनाव प्रक्रिया को अगले आदेश तक निरस्त कर दिया गया है।

इस संबंध में सहायक रजिस्ट्रार आनंद कुमार सिंह ने नोटिस बोर्ड पर नोटिस चस्पा करते हुए चुनाव प्रक्रिया अगले आदेशों तक निरस्त कर दी है। उन्होंने बताया कि सारे दस्तावेजों की निष्पक्ष जांच और शिकायतकर्ता की शिकायत के निस्तारण के बाद ही चुनाव प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।

हिन्दुस्थान समाचार/महेश/सियाराम

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