आजादी से पहले था पत्रकारिता का सुनहरा दौरः डॉ सुनील कुमार
-आईआईएमटी के स्कूल ऑफ फिल्म्स एंड टेलीविजन स्टडीज में विशेष व्याख्यान आयोजित
मेरठ, 04 नवम्बर (हि.स.)। केंद्रीय हिन्दी संस्थान अहमदाबाद गुजरात के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. सुनील कुमार ने कहा कि पत्रकारिता का सुनहरा दौर आजादी से पहले था। पत्रकारिता के त्याग की वजह से भारत में एक अलख जगाई जा सकी और आखिरकार हमें स्वतंत्रता दिवस को देखने का मौका मिल सका। एनी बेसेंट के वक्तव्य ‘भारत भारतीयों के लिए है’ का जिक्र करते हुए वर्तमान परिदृश्य में पत्रकारिता को समझाने का प्रयास किया।
आईआईएमटी विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ फिल्मस एंड टेलीविजन स्टडीज में केंद्रीय हिन्दी संस्थान अहमदाबाद के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. सुनील कुमार का विशेष व्याख्यान हुआ। डॉ. विवेक सिंह ने डॉ. सुनील कुमार का परिचय कराते हुए कहा कि डॉ. सुनील के 100 से ज्यादा शोध आलेख और हजार से ज्यादा समाचार पत्रों में विचार लिखने के अलावा धारदार कवि, कटाक्ष व्यंग्यकार और शोध पत्रिका के संपादक भी हैं। डॉ. सुनील कुमार ने पत्रकारिता के इतिहास के झरोखे से आजादी के सारे संघर्ष को छात्रों के साथ साझा किया। उन्होंने बताया कि बंग दूत से लेकर उद्दंत मार्तण्ड आदि सभी समाचार पत्रों के नाम बहुत सोच-समझ कर लिखे जाते थे। इन्ही नामों से समाचार पत्र का उद्देश्य भी समझ आता था। उन्होंने बताया कि महान उपन्यासकार प्रेमचंद भी पत्रकारिता और संपादन में काफी सक्रिय रह चुके हैं।
विभागाध्यक्ष विशाल शर्मा ने स्मृति चिन्ह देकर डॉ. सुनील कुमार का सम्मान किया। विशाल शर्मा ने कार्यक्रम को विद्यार्थियों के लिए उपयोगी बताते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ शिक्षक संजीव कुमार मिश्र ने किया। इस अवसर पर डॉ. अर्किन चावला, विभोर गौड़, सचिन गोस्वामी, ज्ञानप्रकाश, मीडिया प्रभारी सुनील शर्मा आदि उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/कुलदीप/सियाराम
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