एड्स के प्रति जागरूकता एवं उसकी पहचान अवश्य होनी चाहिए : डॉ. रश्मि सिंह
कानपुर, 01 दिसम्बर(हि.स.)। एड्स बीमारी के प्रति जागरूकता उसकी पहचान अवश्य होनी चाहिए, तभी उसको सही करना संभव है। यह बात शुक्रवार को चंद्रशेखर कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर में विश्व एड्स दिवस के मौके पर गृह विज्ञान संकाय में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में कार्यक्रम अधिकारी इकाई डॉक्टर रश्मि सिंह ने कही।
उन्होंने बताया कि एड्स के प्रति सभी को जागरूक होना चाहिए, जिससे इसकी पहचान करना बहुत आसानी हो और समय रहते इसका उपचार भी किया जा सके।
इस मौके पर राष्ट्रीय सेवा योजना की छात्राओं ने वर्ल्ड एड्स डे के रूप में काफी बृहद स्तर पर मनाया। एड्स समाज में एक भयानक समस्या का स्थान ले चुकी है। एड्स एक ऐसी बीमारी है, जिसका पहला एवं महत्वपूर्ण निदान है जानकारी। इन्हीं जानकारी को लेकर आज के दिन विभिन्न संस्थाओं ने जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
कार्यक्रम के दौरान सबसे पहले छात्राओं द्वारा सभी शिक्षकों को रेड रिबन लगाया गया। तत्पश्चात एक संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया। डाक्टर रश्मि सिंह ने सभी छात्राओं को इस बीमारी के प्रति समाज में जागरूकता फैलाने का संकल्प लिया गया।
कार्यक्रम समन्वयक डॉ अर्चना सिंह ने भारत में इस रोग से प्रभावित रोगियों की संख्या एवं स्थिति से अवगत कराया गया। कार्यक्रम के दौरान गृह विज्ञान की एनएसएस की छात्राओं एवं शिक्षिकाएं डॉक्टर रीमा, डॉक्टर सुमायल गृह विज्ञान संकाय की श्रीमती पूजा निगम, सर्वेश पाण्डेय, श्रीमती बबीता आदि ने कार्यक्रम में सहभागिता करी। पोस्टर बनाकर छात्राओं ने एड्स की बारे में अपने विचार व्यक्त किए।
हिन्दुस्थान समाचार/राम बहादुर/राजेश
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