भारत में धर्म या समुदाय के आधार पर भेदभाव नहीं होता : अनीस मंसूरी

भारत में धर्म या समुदाय के आधार पर भेदभाव नहीं होता : अनीस मंसूरी
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भारत में धर्म या समुदाय के आधार पर भेदभाव नहीं होता : अनीस मंसूरी


लखनऊ,18 दिसम्बर (हि.स.)। लालबाग स्थित पसमांदा मुस्लिम समाज के कार्यालय पर सोमवार को अल्पसंख्यक अधिकार दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने उपस्थित जनों को अल्पसंख्यक अधिकार दिवस की बधाई दी।

इस अवसर पर पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने कहा कि अल्पसंख्यकों को समान अधिकार प्रदान करके राजनेता उनके ऊपर कोई एहसान नहीं कर रहे हैं बल्कि वास्तव में यह उनका वास्तविक अधिकार है। उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जो जाति, धर्म या समुदाय के आधार पर लोगों के बीच भेदभाव नहीं करता। दुनिया भर में कई उदाहरण हैं जब एक विशिष्ट अल्पसंख्यक समूह को राजनीतिक और नीतिगत भेदभाव के कारण संघर्ष करना पड़ा और पीड़ा सहनी पड़ी।

अनीस मंसूरी ने कहा कि अल्पसंख्यक अधिकार दिवस भाषाई, धर्म, जाति और रंग के आधार पर अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित लोगों के अधिकारों को बढ़ावा और संरक्षित करने के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान हमेशा अल्पसंख्यकों समेत सभी समुदायों को समान और न्यायपूर्ण अधिकार प्रदान करता था और प्रदान करता रहेगा लेकिन अल्पसंख्यकों के अधिकारों से संबंधित कुछ मुद्दे अभी भी जीवित हैं।

अनीस मंसूरी ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय विशेषकर मुसलमान समुदाय के लोग अपनी इच्छा से भारतीय हैं न की किसी मजबूरी की वजह से और उन्हें अपनी वफादारी का कोई सबूत पेश करने की आवश्यकता नहीं है। मुस्लिम या किसी अन्य समुदाय से होना और भारत में रहना पर्याप्त सबूत है जो यह साबित करते हैं कि वे देशभक्त हैं।

इस अवसर पर शाहिद कस्सार, हाजी नसीम अहमद, एजाज अहमद राईनी, मौलाना इलियास मंसूरी, हाजी शब्बन, शब्बीर अहमद मंसूरी के अलावा काफी लोगों ने अपने विचार व्यक्त किये।

हिन्दुस्थान समाचार/बृजनन्दन/मोहित

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