पौधशालाओं में कार्य करने वाले श्रमिकों को किया गया सम्मानित

लखनऊ, 01 मई (हि.स.)। वन्य एवं वन्यजीव का मुख्य कार्य दुर्गम व दूरस्थ वन क्षेत्रों में है। पौध उगाना, पौधारोपण, मृदाकार्य, ताड़ बाड़, वनों की अग्नि से सुरक्षा, वन्य जीवों की सुरक्षा एवं वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम सहित विभिन्न कार्यों में अत्यधिक श्रमिकों की आवश्यकता पड़ती है।
अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस के अवसर पर गुरूवार को मौलश्री ऑडिटोरियम, कुकरैल, लखनऊ में सभी सम्मानित करने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि अनिल कुमार, प्रमुख सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने स्वास्थ्य शिविर का शुभारम्भ करते हुए श्रमिक दिवस पर आयोजित कार्यक्रम की सराहना की।
अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर वन विभाग की ओर से लखनऊ, बरेली, गोरखपुर, झांसी, मेरठ सहित प्रदेश के समस्त 75 जनपदों में कार्यक्रम का आयोजन कर पौधशाला में कार्य करने वाले 5 श्रेष्ठ श्रमिकों को उनके उत्कृष्ट कार्य एवं समर्पण के लिये विशेष उपहार- छाता, गमछा, टार्च, पानी की बोतल, मेडिसीन, ग्लूकोज, श्रमिकों को एक जोड़ी जूता एवं महिला श्रमिकों को साड़ी देकर किया गया।
कुकरैल में आयोजित कार्यक्रम में सुनील चौधरी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक दीपक कुमार, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक रामकुमार, रेनु सिंह, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, लखनऊ मण्डल लखनऊ समेत प्रभागीय वनाधिकारी, अवध वन प्रभाग, लखनऊ सहित फ्रंट लाईन स्टाफ तथा श्रमिकों ने प्रतिभाग किया।
हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन