स्मार्ट क्लास के संचालन के समय अध्यापक जरूर मौजूद रहे: आनंदी बेन पटेल

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स्मार्ट क्लास के संचालन के समय अध्यापक जरूर मौजूद रहे: आनंदी बेन पटेल


स्मार्ट क्लास के संचालन के समय अध्यापक जरूर मौजूद रहे: आनंदी बेन पटेल


स्मार्ट क्लास के संचालन के समय अध्यापक जरूर मौजूद रहे: आनंदी बेन पटेल


-काशी सीएसआर कॉनक्लेव में शामिल हुई राज्यपाल, वृद्ध मित्र वैन को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

वाराणसी, 23 सितम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि कुपोषण खत्म करने के लिए सभी संभव प्रयास किया जाए। उसके मूल कारण कम उम्र में बच्चियों की शादी को भी रोकना होगा। राज्यपाल सोमवार शाम कमिश्नरी सभागार में आयोजित काशी सीएसआर कानक्लेव को सम्बोधित कर रही थी। कार्यक्रम में विभिन्न कंपनियों के सीएसआर के तहत 80 करोड़ से अधिक के कार्यों का एमओयू हस्तांतरण हुआ तथा 125 करोड़ से अधिक के सीएसआर कार्यों के लिए विभिन्न कंपनियों का धन्यवाद ज्ञापन किया गया।

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल ने कहा कि हमारी नींव जितनी मजबूत होगी उतना ही भारत सशक्त होगा तथा देश विकसित भारत के लक्ष्यों को प्राप्त करेगा। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी का प्रयोग अच्छे कार्यों में होना चाहिए। स्मार्ट क्लास के संचालन के दौरान अध्यापक की वहां मौजूदगी सुनिश्चित हो। उन्होंने छोटे बच्चों के लिए चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट की जरूरतों पर बल देते हुए इसको अनिवार्य करने को कहा। उन्होंने कहा कि मां के गर्भ में पल रहे शिशु पर घर के पूरे वातावरण का फर्क पड़ता इसलिए उस दौरान अच्छे वातावरण तथा खानपान की व्यवस्था होनी चाहिये। उन्होंने प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना का लाभ लड़कियों को नहीं मिलने पर उनके अभिभावकों को आड़े हाथों लेते हुए बेटियों पर ध्यान देने को प्रेरित किया। उन्होंने सभी से संकल्प लेने को कहा की 20 साल से पहले बच्चियों की शादी नहीं करें। समाज में लड़का-लड़की भेदभाव पर चिंता जताते हुए इससे बाहर आने को कहा।

राज्यपाल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर बोलते हुए 2030 तक 50 प्रतिशत बच्चों को उच्च शिक्षा में प्रवेश के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये लगातार नीचे से प्रयास करने को कहा। उन्होंने प्रदेश के आठ आकांक्षी जिलों में सुधार के लिए लगातार प्रयास करने को कहा। कार्यक्रम में राज्यपाल ने पांच आंगनवाड़ी को किट देने के बाद कुपोषण के विरुद्ध उत्कृष्ट कार्य करने वाली 9 आंगनवाड़ी कार्यकत्री एवं सुपरवाइजर को प्रमाण पत्र प्रदान किया। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत पांच लाभार्थियों में लैपटॉप भी वितरित किया तथा कस्तूरबा गांधी विद्यालयों एवं राजकीय बालगृह को आईएसओ प्रमाणपत्र भी कार्यक्रम में दिया। राज्यपाल ने मदन मोहन मालवीय कैंसर संस्थान के सहयोग से आयोजित प्रोजेक्ट ईशा के तहत शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर महिलाओं तथा बच्चियों में जागरूकता के लिए सर्वाइकल तथा ब्रेस्ट कैंसर स्क्रीनिंग कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। राज्यपाल ने कार्यक्रम में ही एसबीआई से अनुदानित बृद्धमित्र वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्य ने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकत्री लगातार बच्चों, बालिकाओं के विकास तथा उनको कुपोषित मुक्त करने का कार्य कर रही है। गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य सुधार के लिए उनके द्वारा लगातार किये जा रहे प्रयासों की तारीफ भी की।

महापौर अशोक तिवारी ने कहा कि काशी में लगभग 65000 करोड़ की विकास परियोजनाएं संचालित हैं। जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने राज्यपाल के द्वारा लगातार वाराणसी पर ध्यान देने तथा शिक्षा, स्वास्थ्य तथा कुपोषण मुक्ति पर उनके प्रयासों के प्रति धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इससे बच्चों की बेसिक स्किल बढ़ोत्तरी में बहुत मदद मिलती है। वर्तमान में जिले का अति कुपोषण स्तर जो लगभग 7 प्रतिशत था। वर्तमान में घटकर लगभग 02 प्रतिशत तक आ गया है।

मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने राज्यपाल के लगातार प्रयासों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। एमओयू हस्तांतरण तथा पूर्व में सीएसआर के तहत कराये गये कार्यों पर मुख्य अतिथि के समक्ष प्रेजेंटेशन भी दिया।

कार्यक्रम में शहर दक्षिणी के विधायक डॉ नीलकंठ तिवारी, सदस्य विधान परिषद हंसराज विश्वकर्मा, धर्मेंद्र सिंह, ओएनजीसी, पावर ग्रिड, आरईसी, हंस फाउंडेशन, गेल इंडिया, एनसीएल तथा सीडब्ल्यूसी, रिलायंस फाउंडेशन, वेदांता फाउंडेशन, फीडिंग इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई के प्रतिनिधि और अफसर भी मौजूद रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

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