सुदामा चरित्र सुन कर भावविभोर हुए श्रद्धालु, कथा ने दूर किया मृत्यु का भय
मीरजापुर, 05 नवम्बर (हि.स.)। हलिया विकास खंड के गलरा गांव में चल रही श्रीमद् भागवत महापुराण कथा के सातवें दिन बुधवार को गोरखपुर से पधारे प्रसिद्ध कथा वाचक पं. प्रभानाथ मिश्र ने सुदामा चरित्र, परीक्षित मोक्ष तथा भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का रसपान कराते हुए श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया।
कथावाचक ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा मृत्यु के भय को समाप्त कर देती है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता संसार के लिए आदर्श है। सुदामा जब अपनी पत्नी सुशीला के आग्रह पर द्वारका पहुंचे तो द्वारपालों ने उन्हें भिक्षुक समझकर रोक दिया। पर जैसे ही भगवान कृष्ण को पता चला ताे वे दौड़कर अपने मित्र को गले लगाने पहुंचे। कृष्ण ने सुदामा को सिंहासन पर बैठाकर कुबेर के समान समृद्ध बना दिया।
कथा के दौरान देवकी के सात पुत्रों की वापसी, सुभद्रा हरण और भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन सुनकर श्रोता भावविभोर हो उठे। समापन पर आरती व प्रसाद वितरण हुआ। कार्यक्रम के मुख्य यजमान कृष्ण दत्त मिश्र रहे। इस अवसर पर नगर विधायक रत्नाकर मिश्र, करूणा शंकर मिश्र, पंडित शिवशंकर दूबे, रमाकांत मिश्र, प्रभूदत्त मिश्र, विनय मिश्र, दुर्गा प्रसाद मिश्र, अरुण मिश्रा, अशोक मिश्र, सुरेश दूबे सहित हजारों श्रद्धालु उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा

